नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो
(सीबीआई) ने शनिवार को गेल के निदेशक (मार्केटिंग) के आवास और एनसीआर स्थित
कई स्थानों पर रिश्वतखोरी के मामले में छापेमारी की और पांच लोगों को
गिरफ्तार किया।
गेल के निदेशक (मार्केटिंग) एस. रंगनाथन ने पेट्रो रसायन उत्पादों की खरीद
पर छूट आदेश जारी करने के लिए कथित तौर पर निजी व्यक्तियों से रिश्वत ली।
एक
अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम ने कुछ आपत्तिजनक
दस्तावेज जुटाए हैं। उसके पास से 84 लाख रुपये की नकदी भी बरामद हुई है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में 14 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई
को सूचना मिली थी कि रंगनाथन दो व्यक्तियों पवन गौर और राजेश कुमार के साथ
आपराधिक साजिश में भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं।
ये
दोनों व्यक्ति कथित तौर पर गेल द्वारा बेचे गए पेट्रो रसायन उत्पादों को
खरीदने वाली निजी कंपनियों से रिश्वत प्राप्त करके उसके बिचौलिए के रूप में
काम कर रहे थे।
सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, "हमें बताया गया कि
राजेश के निर्देश पर पवन ने रंगनाथन से गेल द्वारा बेचे जा रहे पेट्रो
रसायन उत्पादों पर कुछ छूट देने के लिए कहा था। वे कई बार नोएडा में मिले
थे।"
राजेश ने रिश्वत की राशि लेने के लिए अन्य डीलरों से संपर्क किया, जो छूट के संभावित लाभार्थी होंगे।
दिसंबर में राजेश ने मांगी गई रिश्वत की रकम को रंगनाथन के लिए पवन को सौंप दिया।
रंगनाथन के निर्देश पर गुरुग्राम के एक कारोबारी एन. रामकृष्णन नायर ने पवन से 40 लाख रुपये वसूल किए।
सूत्र
ने कहा, "राजेश ने दो और संभावित लाभार्थी डीलरों - सौरभ गुप्ता और आदित्य
बंसल के साथ बातचीत की और उन्हें गेल से अनुकूल आदेशों के बदले रिश्वत
देने के लिए राजी किया।"
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि राजेश ने सौरभ
गुप्ता से गेल द्वारा छूट आदेश जारी करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने
का अनुरोध किया और यह भी बताया कि रंगनाथन ने 15 लाख रुपये की मांग की थी,
लेकिन 12 लाख रुपये लेने के लिए सहमत हुए।
पवन ने सौरभ से जल्द से जल्द राशि का भुगतान करने को भी कहा।
सौरभ पहले ही राजेश को 3 लाख रुपये दे चुका था और बाकी रकम हवाला चैनल के जरिए देने का फैसला किया था।
14 जनवरी को आदित्य बंसल ने रंगनाथन के लिए राजेश को रिश्वत की रकम भी दी थी।
सीबीआई
अधिकारी ने कहा, "पवन और राजेश के अनुरोध पर रंगनाथन ने नवंबर के महीने
में गेल के कुछ अधिकृत स्टॉकिस्टों के परिसरों में कुछ चेक किए। हालांकि,
उस औचक निरीक्षण से पहले रंगनाथन ने अपने कुछ पसंदीदा पक्षों से भी आगाह
किया था। इसे देखते हुए हमने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का
मामला दर्ज किया।"
--आईएएनएस
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