लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक
'डिजिटल निगरानी प्रकोष्ठ' का गठन किया है, जो बुधवार से चौबीसों घंटे काम
करेगा।
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) पुलिस, कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने
कहा, "जब भी सेल द्वारा किसी आपत्तिजनक पोस्ट का पता लगाया जाएगा, तो यह
तुरंत रेंज और जोनल पुलिस सोशल मीडिया प्रभारी को अलर्ट करेगा, जो आगे
विशिष्ट जिले में जाएंगे, जहां कार्रवाई की जाएगी। यदि मामला संवेदनशील है,
तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी अधिकारी का वीडियो समय पर पोस्ट किया
गया।"
सेल, (जिसमें पहले से ही एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी)
रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में लगभग 31 पुलिसकर्मी थे) में अब 15 विशेष
पुलिसकर्मी होंगे, जिनकी संख्या 46 हो जाएगी।
अधिकारी के अनुसार
फर्जी सूचना, भड़काऊ पोस्ट और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की भीड़ को
रोकने के लिए पुलिस की डिजिटल सेल को मजबूत किया गया है।
जिला, रेंज
और जोनल दोनों स्तरों पर सक्रिय सभी सोशल मीडिया सेल को निर्देश दिया गया
है कि वे चुनाव के दौरान माहौल खराब करने वाली पोस्ट पर नजर रखें।
सोशल
मीडिया पर स्लोगन, पोस्टर, कविता और हैशटैग के साथ चुनावी प्रक्रिया और
आदर्श आचार संहिता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यूपी पुलिस द्वारा
अलग से अभियान चलाया जाएगा।
फर्जी सूचनाओं पर नजर रखने के लिए यूपी पुलिस यूपीपीवायरलचैक नाम का ट्विटर हैंडल भी सक्रिय रहेगा।
अतिरिक्त
पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था के तहत कार्यरत डीजीपी कंट्रोल रूम
द्वारा एक सी-प्लान एप भी संचालित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक गांव के
10 विशेष लोगों को उनके मोबाइल नंबरों से जोड़ा गया है।
उन्होंने
कहा, "यह न केवल गांव में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा,
बल्कि फर्जी सूचनाओं के खतरे से निपटने और सही सूचना के प्रसार में भी
मददगार साबित होगा।"
--आईएएनएस
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