बरेली। बरेली में पार्टी द्वारा आयोजित मैराथन के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति
के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी और अन्य अज्ञात लोगों के
खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मंगलवार को आयोजित यह कार्यक्रम
कांग्रेस पार्टी के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' विधानसभा चुनाव अभियान के
तहत आयोजित किया गया था। घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए
हैं।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने
कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जांच के बाद मैराथन के आयोजकों के खिलाफ
मंगलवार रात मामला दर्ज किया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मैराथन के
दौरान तीन लड़कियां गिर गईं और उन्हें चोटें आईं है।
आईपीसी की
धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 269 (लापरवाही से जीवन
के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना), 270 (घातक कार्य से
जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) महामारी रोग
अधिनियम के विभिन्न अन्य खंड के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसएसपी ने कहा कि मामले में हम आगे की जांच के दौरान घटना के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों की पहचान करेंगे।
सिटी
मजिस्ट्रेट राजीव पांडे ने कहा कि 200 बच्चों के लिए अनुमति दी गई थी।
हालांकि, वास्तव में इस आयोजन के लिए आने वालों की संख्या बहुत अधिक थी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है।
बरेली के जिलाधिकारी को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर ने जिलाधिकारी से 24 घंटे के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।
"आयोग
ने एक समाचार रिपोर्ट से स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें यह आयोग के संज्ञान
में लाया गया है कि कांग्रेस द्वारा बरेली, उत्तर प्रदेश में एक 'महिला
मैराथन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें कार्यक्रम के दौरान भगदड़
जैसी घटना हुई थी, जिसमें कई बच्चे एक दूसरे पर गिर गए। आयोग ने यह भी देखा
है कि इन बच्चों के चप्पल और जूते भी बिखरे हुए थे।
पत्र में कहा
गया है कि उक्त घटना में घायल बच्चों के इलाज की स्थिति के संबंध में एक
कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत करनी है और एक विस्तृत
तथ्य-खोज जांच रिपोर्ट भी प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर आयोग के साथ
साझा करनी है।
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि प्रथम ²ष्टया इस
तरह की राजनीतिक गतिविधियों में बच्चों को आमंत्रित करना किशोर न्याय
अधिनियम, 2015 की धारा 75 का उल्लंघन है और राज्य सरकार द्वारा जारी
कोविड-19 दिशानिदेशरें का भी उल्लंघन है।
पत्र में आगे कहा गया है
कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, यह अनुरोध किया जाता है कि आपके
कार्यालय कृपया मामले को देखें और प्राथमिकी दर्ज करके बच्चों के कल्याण और
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और एलपीसी की
संबंधित धाराओं के तहत आवश्यक जांच शुरू करें।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने आरोप लगाया कि एनसीपीसीआर द्वारा भेजा गया नोटिस भाजपा द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है।
प्रियंका
गांधी के नेतृत्व में यूपी की महिलाओं को सशक्त बनाया गया है। भाजपा
महिलाओं को राजनीति में भाग लेने से रोकने के लिए सब कुछ कर रही है। वे
हमें निशाना बनाने के लिए आयोग का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन हम नहीं
रुकेंगे।
इस बीच, बरेली में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुप्रिया एरोन
ने कहा कि लोग वैष्णो देवी की तीर्थ यात्रा के लिए गए थे और वहां भगदड़ के
बाद उनकी मृत्यु हो गई। आप इसे क्या कहेंगे? आगे बढ़ना और पहले पहुंचना
मानव स्वभाव है। ये युवा लड़कियां हैं। मैं मीडिया वालों से अनुरोध करती
हूं कि अगर किसी को बुरा लगा हो तो मैं माफी मांगती हूं। पूरा मीडिया चाहता
है कि कांग्रेस वापस आए।
--आईएएनएस
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