परिवार जन में संवादहीनता के कारण दूरियां बढ़ीः सोम त्यागी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 24 दिसम्बर 2021, 5:34 PM (IST)

जयपुर। हम में से प्रत्येक व्यक्ति जीवन में सुख शांति की तलाश में है और इसे पाने के लिए हमने कड़ी मेहनत भी की है। पर कई बार ऐसा लगता है कि इतनी मेहनत के बाद भी हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को कुछ सार्थक दे पाने की स्थिति में नहीं है। हमारे जीने की चाहत और जीवन के वास्तविक स्वरूप में अभी भी दूरी बनी हुई है इस दूरी की यात्रा तय करने में जिंदगी की वास्तविक शिक्षा जरूरी है। वर्तमान में व्यक्ति चांद पर तो पहुंच गया है लेकिन अपने परिवार जन से दूर होता जा रहा है।

मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज (एम इन आई टी) वीएलटीसी न 9 के सभागार में जीवन के शोध कार्य पर आधारित खुशहाली कार्यशाला में विख्यात प्रबोधक जीवन विद्या संस्थान के सोम त्यागी ने व्यक्त की। वर्तमान में व्यक्ति के मध्यम संस्कार राजनीति व बाजार की भेंट चढ़ गयी है जिसके कारण युवा पीढ़ी का गांव से पलायन होना शुरू हो गया है और परिवारों के मध्य दूरियां बढ़ गई है। पैसों से विकास नहीं हो सकता इसके लिए आमजन में संस्कार डालने की जरूरत है उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश का एक भी गांव आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है।

आदमी के विचार सॉफ्टवेयर है और शरीर उसका हार्डवेयर यदि हार्डवेयर सही नहीं रहेगा तो सॉफ्टवेयर काम करना बंद कर देगा। इसी तरह जिंदा रहना व जीना दोनों अलग-अलग चीजें हैं जिंदा रहना अधीनता है और जीना स्वतंत्रता है। आज के मोबाइल युग में परिवार जनों के बीच संवाद बंद हो गया है जिसके कारण आज परिवारों के बीच दूरियां बढ़ी है और कई परिवार इससे टूट गए हैं इस स्थिति में आप और हम को मिलाकर इस समस्या से निजाद पाना होगा।

आज की युवा पीढ़ी अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद चाहती है किएक अच्छा डॉक्टर, वकील, शिक्षक वैज्ञानिक व अन्य उच्च पदों पर आसीन हो लेकिन इसके लिए सकारात्मक सोच जरूरी है और अपने आप को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ेंगे तो सफलता अवश्य ही मिलेगी। वर्तमान में युवा पीढ़ी में मानवीय मूल्य व राष्ट्र के प्रति स्वाभिमान के साथ-साथ भारतीय सभ्यता संस्कार व संस्कृति देने की जरूरत है।

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