मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा में
बुधवार को विपक्षी भाजपा द्वारा सत्तारूढ़ शिवसेना विधायक भास्कर जाधव पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'नकल' करने का आरोप लगाने के बाद हंगामा मच
गया।
एक घंटे से अधिक की नाराजगी और दो स्थगन के बाद, विपक्ष के नेता देवेंद्र
फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा ने जाधव से प्रधानमंत्री का 'अपमान' करने के
लिए माफी मांगने को कहा।
भाजपा ने कहा कि जाधव ने कथित तौर पर कुछ
टिप्पणी की और निचले सदन में बिजली के मुद्दों पर एक बहस के दौरान
प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया, जहां ऊर्जा मंत्री (कांग्रेस) नितिन राउत भी
थे।
बहस के दौरान जाधव ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले किए गए भाजपा के 'अधूरे' वादों पर कथित तौर पर प्रधानमंत्री की 'नकल' की।
फडणवीस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पीएम पर इस तरह की टिप्पणी या इशारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जाधव से माफी की मांग की।
इसके
बाद इस विरोध में अन्य भाजपा विधायक भी शामिल हुए और उन्होंने डिप्टी
स्पीकर नरहरि जिरवाल से जाधव से माफी मांगने या उनके खिलाफ कार्रवाई करने
के लिए कहने का आग्रह किया।
संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने यह
कहते हुए हस्तक्षेप किया कि ऐसी किसी भी आपत्तिजनक टिप्पणी को वापस लिया जा
सकता है, जिसे फडणवीस ने यह कहते हुए काउंटर किया कि 'हावभाव या शारीरिक
भाषा' को कैसे हटाया जा सकता है। उन्होंने इस पर विशेषाधिकार हनन लाने की
चेतावनी दी।
जहां जिरवाल ने कहा कि वह कोई भी निर्णय लेने से पहले
इस बात की जांच करेंगे कि क्या जाधव ने कोई असंसदीय टिप्पणी की थी, वहीं
राकांपा नेता और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल और परब ने कहा कि सदन में सभी
राजनीतिक दलों के नेताओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
सदन की
कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सभी
राजनीतिक नेताओं को महाराष्ट्र की परंपरा के अनुसार सम्मान दिया जाना
चाहिए, जिसे बनाए रखा जाना चाहिए।
बाद में, जाधव ने माफी मांगते हुए
कहा कि यह उनके बात करने का स्वाभाविक तरीका है और उन्होंने अनजाने में ही
हाथ के इशारे या शरीर की हरकत कर दी। हालांकि शिवसेना नेता ने स्पष्ट किया
कि उन्होंने एक भी आपत्तिजनक शब्द नहीं कहा।
--आईएएनएस
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