इम्फाल । पूर्वोत्तर भारत में अब तक
की सबसे बड़ी मादक पदार्थ की बरामदगी में असम राइफल्स और मणिपुर में पुलिस
ने 508 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 154 किलोग्राम से अधिक
'मेथामफेटामाइन' टैबलेट और 54 किलोग्राम से अधिक हेरोइन जब्त की है। इस
सिलसिले में एक म्यांमारी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने
मंगलवार को यह जानकारी दी।
टेंगनौपाल के डीएसपी विक्रमजीत सिंह ने बताया कि असम राइफल्स और पुलिस ने
संयुक्त अभियान में सोमवार की देर शाम मोरेह कस्बे के सनराइज ग्राउंड में
एक घर से 54.141 किलोग्राम वजनी हेरोइन पाउडर और 154.314 किलोग्राम वजनी
मेथामफेटामाइन की गोलियां जब्त कीं।
उन्होंने मीडिया से कहा, "जब्त
किए गए हेरोइन पाउडर की कीमत करीब 108 करोड़ रुपये और मेथामफेटामाइन
(क्रिस्टल मेथ) टैबलेट की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 400 करोड़
रुपये है।"
जिला पुलिस प्रमुख ने कहा कि असम राइफल्स और पुलिस ने
लंबी योजना के बाद सोमवार दोपहर को पड़ोसी म्यांमार के खंपत निवासी 19
वर्षीय मोनखाई को गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी से सीमा पार से तस्करी
कर लाए गए और एक घर में रखे गए ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप बरामदगी
हुई है।
मोरेह बटालियन के 43वीं असम राइफल्स के कमांडेंट कर्नल
सुमित सूद और सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ ड्रग्स के बड़े जखीरे को
सफलतापूर्वक जब्त कर लिया। ये नशीली दवाएं महीने भर में भारत के अन्य
हिस्सों में पहुंचाई जानी थीं।
गिरफ्तार व्यक्ति और जब्त नशीले
पदार्थो को मोरेह पुलिस थाने को सौंप दिया गया है और मादक द्रव्य एवं मादक
पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।
मणिपुर
के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रिकॉर्ड ड्रग्स जब्ती के लिए सुरक्षा
बलों की सराहना करते हुए ट्वीट किया, "मोरेह में एक गोदाम से 500 करोड़
रुपये के अवैध नशीले पदार्थो को जब्त करने में टेंग्नौपाल पुलिस और 43वीं
असम राइफल्स की अद्भुत उपलब्धि। एक विश्वसनीय इनपुट प्राप्त होने पर
संयुक्त टीम ने संदिग्ध हेरोइन के 220 साबुन के मामलों के साथ म्यांमार के
एक नागरिक को गिरफ्तार किया।"
"उनके रहस्योद्घाटन के बाद एक गोदाम
पर छापा मारा गया और 3,716 साबुन के अलावा संदिग्ध हेरोइन और 152 पैकेट
संदिग्ध क्रिस्टल मेथ (मेथामफेटामाइन) जब्त किए गए। यह राज्य सरकार की
'ड्रग्स पर युद्ध' पहल के तहत सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है।"
एक
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार से चलाए जाने वाले नार्को-आतंकवाद और
उग्रवाद का मुकाबला करने में असम राइफल्स सबसे आगे रही है।
उन्होंने
कहा, "नार्को-आतंकवाद म्यांमार में स्थित आतंकवादी समूहों के लिए वित्त का
एक प्रमुख स्रोत है। इसके 'गोल्डन ट्राएंगल' के अन्य खिलाड़ियों के साथ
संबंध हैं।"
प्रवक्ता ने कहा, "भारत के युवाओं, खासकर पूर्वोत्तर
क्षेत्र में नशे की लत के बढ़ने का यह मुख्य कारण है। यह क्षेत्र में
आतंकवाद को बढ़ावा देने का एक स्रोत भी है।"
मेथमफेटामाइन, जिसे
आमतौर पर 'याबा' या 'पार्टी टैबलेट' के रूप में जाना जाता है, भारत के
अलावा बांग्लादेश और उसके पड़ोसी देशों में युवाओं द्वारा व्यापक रूप से
उपयोग की जाने वाली सिंथेटिक दवा है।
--आईएएनएस
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