वाराणसी । श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर 13 दिसंबर को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को समर्पित करेंगे। सत्ता वापसी के लिए
जुटी भारतीय जनता पार्टी सरकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बहाने पूर्वांचल,
हिन्दुत्व और विकास का संदेश देने जा रही है। प्रधानमंत्री का ड्रीम
प्राजेक्ट होंने के नाते योगी सरकार इसे ऐतिहासिक बनाने में जुटी हुई है।
यूपी
सरकार अपनी अगली कैबिनेट बैठक भी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में कराने की
तैयारी कर रही है। 13 दिसम्बर को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लोकार्पण
के साथ ही वहां एक माह तक चलने वाले कार्यक्रमों की शुरूआत हो जाएगी। इसका
लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इसके अलावा यहां पर कई कार्यक्रम होने
हैं। योगी सरकार इस महत्वपूर्ण अवसर को खास बनाने के लिए यहां पर कैबिनेट
बैठक कराने पर विचार कर रही है। यह बैठक 16 दिसंबर को प्रस्तावित है।
हालांकि 15 दिसम्बर से ही विधानमंडल का सत्र आहूत होने के कारण इस तिथि में
बदलाव भी हो सकता है।
योगी सरकार इससे पहले भी ऐसा प्रयोग कर चुकी
है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुंभ मेला में योगी कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक
संगम तट पर हुई थी। वह पहला अवसर था जब इतिहास में पहली बार लखनऊ के बाहर
कैबिनेट की बैठक हुई थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले काशी
विश्वनाथ मंदिर में कैबिनेट की बैठक का आयोजन बड़ा संदेश देने की कोशिश
मानी जा रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दोनों उप
मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा के साथ ही अन्य मंत्री
और अधिकारी मौजूद रहने की संभावना है। इसमें भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का
सम्मेलन, देश के सभी महापौरों की सम्मेलन के अलावा हर दिन अलग-अलग आयोजन
होने हैं। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्षों की एक बैठक प्रस्तावित है। काशी
चलो अभियान के तहत पूरे देश से वाराणसी के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी।
कारिडोर
इस दिन को खास बनाने के लिए योगी सरकार के साथ ही अधिकारियों और भाजपा
संगठन ने खास योजना बनाई है। इस कार्यक्रम को भाजपा जन जन तक पहुंचाने का
कार्यक्रम बना रही है।
सुरक्षा के लिहाज से भी यहां पुलिस अफसर
मसौदा तैयार कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब तक यूपी के इतिहास में ऐसा
नहीं हुआ है, जब पूरी कैबिनेट लखनऊ छोडकर कहीं किसी मंदिर में पहुंचे और
वहां मीटिंग हो।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम को भव्य
बनाने के लिए राष्ट्रीय टीम को भी कहा गया है। सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों,
प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारियों की लेटर लिख इस कार्यक्रम को भव्य
बनाने का आहवान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पूरे आयोजन पर नजर
रखे हुए हैं। स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट हाउस को कैम्प कार्यालय
बना दिया गया है।
बताया जा रहा है कि आठ से 14 दिसंबर तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में ही रहेंगे। इस दौरान वह लोकार्पण
कार्यक्रम से लेकर महीनेभर तक प्रस्तावित आयोजनों की निगरानी करेंगे। काशी
की उत्सवधर्मिता में सहभागी बनने के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल
प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, असम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात,
हरियाणा, गोवा, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुदुचेरी की सरकारों की
ओर से 13 दिसंबर के कार्यक्रम में शामिल होने की प्राथमिक सूचना शासन को
भेज दी गई है।
--आईएएनएस
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