सीबीआई ने इंडियन बैंक-चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट फिक्स डिपॉजिट मामले में दायर की चार्जशीट

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 03 नवम्बर 2021, 4:07 PM (IST)

चेन्नई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने इंडियन बैंक को करीब 45.40 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में 18 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। सीबीआई के अनुसार, चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के नाम पर फिक्स डिपॉजिट को फोरक्लोज करने के मामले में यहां के इंडियन बैंक, कोयम्बेडु शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक और निजी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।

सीबीआई ने 31.07.2020 को इंडियन बैंक, चेन्नई की शिकायत पर दो निजी व्यक्तियों, शाखा प्रबंधक, इंडियन बैंक, कोयम्बेडु शाखा, चेन्नई और अन्य अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ 100,57,50,000 रुपये (लगभग 100.57 करोड़ रुपये) की बैंक को धोखा देने के इरादे से जालसाजी करने के आरोप में मामला दर्ज किया।

यह आगे आरोप लगाया गया था कि चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के नाम पर बनाई गई कई फिक्स डिपॉजिट को फोरक्लोजि़ंग / प्री-क्लोजिंग और उक्त राशि को विभिन्न खातों के माध्यम से स्थानांतरित / निकालकर इंडियन बैंक को 45,40,65,000 रुपये का नुकसान हुआ था।

इससे पहले तमिलनाडु और केरल में लगभग 28 स्थानों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री और सबूत बरामद हुए थे।

सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान दो विदेशी नागरिकों, इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

सीबीआई के अनुसार, आरोपी ने सीमित टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ब्याज अर्जित करने के लिए बैंकों के साथ टर्म डिपॉजिट/ फिक्स डिपॉजिट के रूप में चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के पास उपलब्ध अधिशेष नकदी के निवेश की स्थिति और निवेश आकर्षित करने के लिए बैंक का कथित रूप से फायदा उठाया।

यह आरोप लगाया गया था कि जालसाजों ने इंडियन बैंक शाखा प्रबंधक और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से संपर्क करके उक्त स्थिति का फायदा उठाया।

यह आरोप लगाया गया था कि बैंक प्रबंधक ने अन्य आरोपियों के साथ साजिश में प्रस्तावित निवेश को स्वीकार कर लिया और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित निवेश के लिए बैंक की अधिकतम स्वीकार्य ब्याज दर की तुलना में मनमाने ढंग से उच्च ब्याज दर उद्धृत करके बोली में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इंडियन बैंक, कोयम्बेडु शाखा चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट द्वारा पांच टेंडर पाने में सफल रही और मार्च और मई 2020 के बीच की अवधि के दौरान लगभग 100.57 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट के रूप में निवेश हासिल किया।

सीबीआई ने कहा कि बैंक मैनेजर ने फिक्स डिपॉजिट रसीद चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को सौंपने के बजाय जालसाजों को दे दी।

जालसाजों ने बदले में जाली फिक्स डिपॉजिट की रसीदें बनाईं और उन्हें चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को जमा कर दिया।

आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर खुद को चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट का उप निदेशक (वित्त) बताया और इंडियन बैंक के कोयम्बेडु शाखा में चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के नाम से एक फर्जी करंट अकाउंट खोला।

कब्जे में मूल बॉन्ड के साथ, आरोपी ने कथित तौर पर इसे इंडियन बैंक, कोयम्बेडु शाखा के समक्ष पेश किया और मूल जमा के कुछ दिनों के भीतर एक के बाद एक फिक्स डिपॉजिट को पहले ही बंद कर दिया।

फिक्स डिपॉजिट के पूर्व-बंद होने से प्राप्त धन को कथित तौर पर आरोपी द्वारा खोले गए फर्जी चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट चालू खाते में जमा किया गया था और बाद में 34 अलग-अलग खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

इस पैसे को 27 खाताधारकों ने निकालकर आरोपितों को सौंप दिया गया।

उस प्रक्रिया में चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से पांच निवेशों में कुल 100.57 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, जिसके खिलाफ विभिन्न राशियों के 45 फिक्स डिपॉजिट बनाए गए।

कुल निवेश की गई राशि में से 55.19 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का पता चलने के बाद फ्रीज किए जा सकते थे और बाकी 45,40,65,000 रुपये आरोपियों द्वारा ठग लिए गए।

--आईएएनएस

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