लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)
ने सत्ता वापस आने के लिए अपना फोकस पिछड़ों और अति पिछड़ों पर करना शुरू
कर दिया है। भाजपा जानती है कि जातीय गणित साधने से सारे काम हो जाएंगे।
पार्टी ने पिछड़े वोट बैंक के साहरे ही पिछली बार 2017 बहुतमत से ज्यादा
सीटें प्राप्त की थी।
अब एक बार फिर से 17 अक्टूबर से पार्टी की ओर से जातीय सम्मेंलन की शुरूआत होने जा रही है।
भाजपा
ने अभी फिलहाल 17 सम्मेंलन करने का निर्णय लिया है। इन सम्मेलनों का खाका
तैयार हो चुका है। यह प्रदेश स्तरी सम्मेलन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गन्ना
संस्थान, पंचायती राज संस्थान के सभागार में होंगे। जिस जाति का सम्मेलन
होगा, उसके एक से लेकर दो हजार तक लोगों की उपस्थिति का लक्ष्य रखा गया है।
इनमें से 17 अक्टूबर को पंचायत भवन में प्रजापति यानि कुम्हार समाज का
होगा। 18 को कुर्मी, पटेल, गंवार समाज का, ऐसे ही दर्जी, पाल बघेल, मौर्या,
कुशवाहा, केवट कष्यप, रठौर, तेली, नाई, सैनी, सविता, लुनिया, भुर्जी,
चैरसिया, विष्वकर्मा, लोधी, यादव समेत करीब 37 जातियों के सम्मेंलन होंने
जा रहे हैं। इनका नाम सामाजिक सम्मेलन दिया गया है। यह फिलहाल अभी 31
अक्टूबर तक आयोजित होंगे। इसके बाद यह हर एक विधानसभा में भी आयोजित होंगे।
करीब 200 सम्मेंलन आयोजित कराने की पार्टी ने पूरी रणनीति तैयार की है।
यूपी
के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दोहराने के लिए भाजपा के रणनीतिकारों ने
यह योजना बनाई है। सम्मेलनों के जरिए पार्टी की योजना पिछड़ी और अति पिछड़ी
जाति के बुद्धिजीवी लोगों को जोड़ने की है। ताकि इनके जरिए उनके गांव-गली,
इलाके के लोगों का साथ मिल सके। इन जातीय सम्मेलन में सामाजिक और जातीय
संगठनों के मुखिया सहित संबंधित जाति के प्रभावशाली चेहरों को मंच में जगह
दी जाएगी। साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं को भी इसमें बुलाया जाएगा।
350
से अधिक सीटों का लक्ष्य बनाकर मैदान में उतरा सत्ताधारी दल हर वर्ग और
क्षेत्र से वोट जुटाना चाहता है। दलित और पिछड़ा वर्ग पर खास नजर है।
चूंकि, सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी इन्हीं वर्गों से ज्यादा हैं,
इसलिए पार्टी लाभार्थी वोटबैंक के रूप में इन्हें अपने साथ मजबूती से
जोड़े रखना चाहती है, ताकि जाति आधारित छोटे दलों का कोई सियासी दांव राह
में रोड़ा न बन सके। इस कारण यह सब निर्णय लिए जा रहे हैं।
भाजपा
प्रदेश के उपाध्यक्ष और ओबीसी मोर्चा के प्रभारी दयाशंकर सिंह ने बताया कि
अभी फिलहाल पिछड़ा वर्ग की जातियों के सम्मेलन की शुरूआत राजधानी से हो रही
है। आगे चलकर यह हर जिलों में आयोजित किए जाने हैं। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग
के लिए बहुत कुछ किया है। यह वर्ग हमेशा से भाजपा के साथ रहा है। उन्होंने
कहा कि चाहे पिछड़ा वर्ग का कोटा बढ़ाना या फिर आयोग बनाना हो। सब बातों
में देखें तो आजादी के बाद से वंचित पिछड़े समाज के लिए भाजपा केन्द्र और
राज्य सरकारों ने बहुत काम किया है।
--आईएएनएस
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