छिपकली के व्यवहार से भी मिल सकती है भविष्य की घटनाओं की जानकारी

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 सितम्बर 2021, 6:37 PM (IST)

भविष्य में होने वाली विभिन्न घटनाओं का संकेत देने के लिए ईश्वर ने बहुत से माध्यम बनाए हैं, घर में पाई जाने वाली छिपकली के व्यवहार से भी भविष्य की कुछ घटनाओं की जानकारी मिल सकती है।
शकुन शास्त्र के अनुसार अगर नव निर्मित भवन में प्रवेश के समय भवन स्वामी को मृत अथवा मिट्टी में सनी हुई छिपकली दिखाई दे जाए तो उस भवन में रहने वालों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि छिपकली की आवाज सुनना संभव नहीं है, फिर भी अगर भोजन करने के दौरान छिपकली का बोलना सुनाई दे जाए तो कोई शुभ समाचार या शुभ फल की प्राप्ति होती है। छिपकली का आपस में लड़ना शुभ नहीं होता है। अक्सर ऐसा होते दिखाई देने पर घर के सदस्यों का आपस में अथवा दूसरों के साथ झगड़ा या मतभेद होता है। नर और मादा छिपकलियों का समागम किसी पुराने मित्र या परिचित से मिलन की संभावना को बताता है।


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शरीर के अलग-अलग अंगों पर छिपकली के अचानक गिरने का प्रभाव भी देखने को मिलता है।

पुरुषों के सिर या दाहिने हाथ पर तथा महिलाओं की बाईं बांह पर छिपकली का गिरना शुभ और सौभाग्य दायक माना गया है। दाहिने गाल पर छिपकली गिरे तो भोग सुख, बायें गाल या गुप्तांगों पर गिरे तो स्वास्थ्य विकार, नाभि पर गिरे तो संतान सुख, पेट पर गिरे तो समस्याएं, छाती पर गिरे तो भोजन सुख, घुटने पर गिरे तो सर्व सुख मिलने की संभावना होती है।

अगर किसी नौकरी-पेशा पुरुष या महिला के शरीर पर छिपकली दाहिनी ओर से चढ़कर बायीं ओर से उतर जाती है तो उसे लाभ अथवा पदोन्नति लाभ मिलता है। प्रायः शरीर के बायीं ओर के किसी भी अंग पर छिपकली का गिरना अशुभ प्रभाव ही देता है।
इसके अलावा जन्म नक्षत्र, मृत्यु योग, भद्रा, व्यतिपात नक्षत्र, अष्टम चन्द्र आदि के समय छिपकली का गिरना भी दोष माना गया है।
छिपकली गिरने के अशुभ प्रभाव या दोष को दूर करने के लिए तिल, घृत, स्वर्ण आदि का दान, महा मृत्युंजय मन्त्र का जप, पञ्च गव्य का सेवन किये जाने का विधान है।

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