एसडीएम की नहीं, पूरे करनाल एपिसोड की जांच कराएंगे : गृह मंत्री अनिल विज

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 सितम्बर 2021, 5:32 PM (IST)

चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा कि सरकार करनाल में लाठीचार्ज की घटना की जांच के लिए तैयार है, जिसमें एक आईएएस अधिकारी की 'किसानों के सिर फाड़ने' की टिप्पणी शामिल है, जिसके कारण जिला मुख्यालय सचिवालय के बाहर धरना दे रहे किसानों में गुस्सा है। हालांकि, विज स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि "बिना जांच के किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि कोई इसकी मांग कर रहा है।"

सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी, करनाल उप-विभागीय मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा को पहले ही ट्रांसफर कर दिया है, जो पुलिस को निर्देश देते हुए कैमरे में कैद हो गए थे कि अगर वे सुरक्षा घेरा तोड़ते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के सिर पर वार करें।

किसान 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं, जिसमें पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया था, जब किसानों ने कथित तौर पर भाजपा की बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश की थी, जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अन्य नेताओं के साथ मौजूद थे।

विज ने अपने गृहनगर अंबाला में मीडिया से कहा, "हम निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं, लेकिन यह न केवल एसडीएम (आयुष सिन्हा) से संबंधित होगा, बल्कि पूरे करनाल प्रकरण से संबंधित होगा। इस जांच में, यदि किसान या उनके नेता दोषी पाए जाते हैं, तो जो भी कार्रवाई उचित समझी जाएगी वह होगी।"

"केवल वाजिब मांगों को ही स्वीकार किया जा सकता है। हम किसी को फांसी नहीं दे सकते। क्या देश की आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) अलग है और किसानों की आईपीसी अलग है? ऐसा नहीं हो सकता है और हमेशा किए गए अपराध के अनुसार सजा दी जाती है। अपराध का पता लगाने के लिए जांच की जानी चाहिए।"

करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर सैकड़ों और हजारों किसानों ने अपना डेरा जमा लिया है, जबकि उनका आंदोलन गुरुवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया।

आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग अब किसानों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।

किसान नेताओं ने बुधवार को प्रशासन से बातचीत के बाद ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

--आईएएनएस


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