जन्माष्टमी एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है।
इस साल 30 अगस्त (आज) भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस पावन दिन बड़े ही धूम- धाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा- अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
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जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त-
(1) 30 अगस्त 2021 को रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है।
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(3) रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद किया जाता है व्रत पारण
(4) कई लोग रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद भी व्रत का पारण करते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी पारण मुहूर्त-
कृष्ण
जन्माष्टमी के व्रत में रात्रि को लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना करने के
बाद ही प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है। हालांकि कई लोग व्रत का
पारण अगले दिन भी करते हैं।