कल्याण को श्रद्धांजलि देने नहीं गए अखिलेश, भाजपा ने सपा और कांग्रेस को घेरा

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 25 अगस्त 2021, 09:08 AM (IST)

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है। उनके अंतिम दर्शन के लिए बसपा मुखिया मायावती पहुंची। वहीं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व पार्टी अध्यक्ष अखिलेश की गैर मौजूदगी को लेकर भाजपा ने सपा और कांग्रेस पर सीधा हमला बोल दिया है। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद, भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने अखिलेश को निशाने पर लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने कहा कि अखिलेश जी अपने आवास से मात्र 1 कि.मी. दूर माल एवेन्यू में कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने लिखा कि अखिलेश यादव जी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह बाबू जी को अंतिम विदा देने के लिए नहीं आकर पिछड़ेवर्ग की बात करने का नैतिक अधिकार आपने खो दिया। आपके द्वारा पिछड़ा वर्ग की बात करना केवल ढोंग है ।

श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा है कि सपा और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सामान्य शिष्टाचार भी भूल गया है। उन्होंने केवल पिछड़ों, दलितों के वोट लिये हैं लेकिन कभी भी दलितों और पिछड़ों को सम्मान देने का काम नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि समय आने पर सपा और कांग्रेस को दलित समाज इसका जवाब जरूर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के निधन पर जहां पूरा प्रदेश और देश श्रद्धा समुन अर्पित करने के लिए उमड़ रहा था। बसपा मुखिया मायावती समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे। वहीं पर यूपी की सरजमी से जुड़े हुए मुलायम सिंह जिन्हें अपना अभिन्न मित्र मानते थे। 2003 में कल्याण सिंह जी के सहयोग से ही वो मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिये मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेतृत्व का कोई नेता नहीं पहुंचा। यह कहीं न कहीं इस बात को दशार्ता है कि पिछड़ों के नेता का सम्मान यह लोग बर्दाश्त नहीं कर पाए।

उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजनीति में नैतिक मूल्यों को भूल चुका है। उन्होंने कहा है कि उनसे अच्छी तो बहन मायावती निकल गईं, जिन्होंने आकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और अंतिम यात्रा में न पहुंचकर अखिलेश यादव ने कल्याण सिंह जी के लिये बहुत ही निंदनीय और घृणित व्यवहार किया है। ये ओबीसी और दलितों का बहुत बड़ा अपमान है। उन्होंने कहा कि सदियों में कभी-कभी कल्याण सिंह जैसे नेता पैदा होते हैं और हम अतीत के झरोखे में झांक कर देखें। तो कल्याण सिंह जी का स्थान कहां था और मुलायम सिंह जी का स्थान कहां था, लेकिन इस दो दिन में जो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने किया है वो गलत है। उन्होंने विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कहा है कि अगर उनके अंदर नैतिकता है तो वो राष्ट्र से क्षमा मांगें नहीं तो उनको आने वाले चुनाव में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।

--आईएएनएस

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