मुख्यमंत्री बोले, 'आयोगों की जड़ता, पक्षधरता और अराजकता से यूपी हो चुका मुक्त'

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 03 अगस्त 2021, 7:03 PM (IST)

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले चयन आयोग और बोर्ड भ्रष्टाचार के अड्डे हुआ करते थे। सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया कलंकित थी। जातिवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार इस कदर हावी था कि न्यायालय को जांच करानी पड़ी। युवाओं के हितों पर कुठाराघात होता था, युवा कुंठित थे। लेकिन आज अपने पराए का भेद नहीं है। आयोगों की जड़ता, पक्षधरता और अराजकता की नीति से यूपी मुक्त हो चुका है। हम साढ़े 04 लाख से ऊपर नियुक्ति पत्र दे चुके हैं और कोई भी भर्ती न्यायालय में लंबित नहीं है। यूपी में अब योग्यता, प्रतिभा और मेरिट का सम्मान है। मुख्यमंत्री योगी, मंगलवार को लोकभवन में आयोजित पीसीएस 2019 में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे।

उपजिलाधिकारी पद पर चयनित 51 युवाओं से मुखातिब मुख्यमंत्री ने सभी को देश के सबसे बड़े राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए बधाई भी दी। साथ ही, जनता के प्रति जवाबदेह बने रहने का मंत्र दिया है। पीसीएस सेवा को आईएएस की रीढ़ बताते हुए सीएम ने कहा है कि अब जबकि उनका चयन योग्यता, क्षमता और मेरिट के आधार पर शुचितापूर्ण और पारदर्शी रीति से हुआ है तो सेवाकाल में इसी भावना के साथ काम करने की अपेक्षा भी है। न्याय से कोई वंचित न होने पाए और न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए।

नवचयनित उपजिलाधिकरियों को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के कुटैव से दूर रहने की भी सलाह दी। कहा कि, लोग अधिकारी बनने के बाद एक टापू की तरह एकाकी हो जाते हैं। जिनके इर्द-गिर्द भ्रष्टाचार की मक्खियां आ जाती हैं। जो पीसीएस अधिकारी अपने अच्छे कार्यों के बल पर जिलाधिकारी, कमिश्नर और सचिव तक बन सकते हैं, कई बार ऐसे लोगों के कारण पदावनति, निलंबन और बर्खास्तगी का दंड भोगने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में बेहतर यही है कि शुरूआत से ही इन मख्खियों से दूरी बना ली जाए।

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नवचयनित डिप्टी कलेक्टरों को आत्मविश्वासी होने, चिन्तनशील बनने और निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर काम करने का संदेश दिया। साथ ही बीते चार साल में हुई साढ़े 04 लाख नियुक्तियों में शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी की नीति को भविष्य के लिए शोध का विषय बताया। कार्यक्रम में वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नवचयनित अधिकारियों को काम पर फोकस करने, परिणामदायक बनने और जनहित को प्राथमिकता देने का मंत्र दिया। हल्के-फुल्के अंदाज ने उन्होंने कहा कि प्रयास करें कि टीवी-अखबार पर देखने-छपने के रोग न लगे।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे