जयपुर।
अन्तरराष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर शनिवार को ‘नन्हे हाथ कलम
के साथ‘ कोविड-19 बालश्रम हिंसामुक्त बचपन जन जागरूकता अभियान की शुरूआत की
गई। अभियान का शुभारम्भ श्रम विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने श्रम
आयुक्त कार्यालय से दो जागरूकता कारवां रथों को हरी झंडी दिखाकर किया।
उन्होंने इस अवसर पर अभियान प्रचार सामग्री का भी विमोचन किया। डॉ. पवन ने
कहा कि बाल श्रम सामाजिक आर्थिक बुराई है और इससे हम सभी को मिलकर लड़ना
होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश पूरी तरह बाल श्रम
मुक्त हो, इसके लिए सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों के साथ साथ आमजन
का भी सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से बाल श्रम को रोकने का
संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
शासन सचिव ने
बताया कि यह अभियान जयपुर जिले में श्रम विभाग, यूनिसेफ तथा गैर सरकारी
संगठन पिंकसिटी साइकल रिक्शा चालक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में चलाया
जाएगा। अभियान के तहत निरंतर 6 माह तक जयपुर जिले के छोटे-छोटे और दूर-दराज
गांवों तक बाल श्रम उन्मूलन के लिए जन जागरूकता का काम किया जाएगा। इसके
तहत कोविड महामारी के कारण अपने माता पिता या परिजनों को खो चुके बच्चे
शिक्षा से विमुख ना हों इसके लिए उन्हें प्रेरित करने के लिए प्रयास किये
जाएंगे। साथ ही इन बच्चों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
दिलाने, बाल श्रमिक बच्चों के लिए विशेष विद्यालयों के लिए सर्वे तथा
माइग्रेंट लेबर के बच्चों के लिए शिक्षा का माहौल तैयार करने का काम किया
जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के माध्यम से गांव गांव में बालश्रम
हिंसामुक्त बचपन के लिए जन जागरूकता लाने हेतु प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
दिसम्बर 2021 तक चलने वाले इस अभियान के माध्यम से कोविड 19 से सुरक्षा से
संबंधित संदेश भी आमजन तक पहुंचाया जाएगा।
इस
अवसर पर श्रम आयुक्त प्रतीक झाझरिया, अतिरिक्त श्रम आयुक्त पतंजलि भू
तथा संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त जयपुर धर्मपाल सिंह, विभाग के अन्य
अधिकारी कर्मचारी तथा एनजीओ पिंकसिटी साइकल रिक्शा चालक संस्था के सदस्य
उपस्थित थे।
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