लखनऊ । कोरोना की लहर बढ़ने के साथ
ही देश और प्रदेश के अस्पतालों में रेमडेसिवीर इंजेक्शन, आक्सीजन तथा
वेंटिलेटर की मांग ने जोर पकड़ा है। वेंटिलेटर की कमी को दूर करने के लिए
नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थ केयर आगे आयी है। इस कंपनी ने बीते साल 500
वेंटिलेटर प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराए थे। अब फिर यह कंपनी प्रदेश के
सरकारी और निजी अस्पतालों को वेंटिलेटर मुहैया कराने की मुहिम में जुट गई
है। जल्दी ही यह कंपनी राज्य के सरकारी तथा निजी अस्पतालों को उनकी मांग के
मुताबिक वेंटिलेटर उपलब्ध करायेगी।
एग्वा हेल्थकेयर के सीईओ दिवाकर वैश्य के अनुसार, केंद्र सरकार के निर्देश
पर राज्यों के लिए 700 वेंटिलेटर बनाकर कंपनी ने केंद्र को गत दिनों दिए
हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कंपनी ने अब 10 हजार
वेंटिलेटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नोयडा में उक्त कंपनी में बना
एक वेंटिलेटर डेढ़ लाख रुपए का है। इस कंपनी की स्थापना के पीछे योगी
सरकार की नीतियों की अहम भूमिका है। योगी सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक
निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए प्रयासों के चलते ही वर्ष 2018
में एग्वा हेल्थकेयर की स्थापना हुई थी। डा.स्वाती और दिवाकर व्यास के
प्रयासों से शुरू हुई इस कंपनी ने बीते साल राज्य को सबसे अधिक वेंटिलेटर
मुहैया कराए थे। बीते मार्च में देश के सरकारी अस्पतालों में 14,220 आईसीयू
वेंटिलेटर युक्त थे। और कोविड-19 के रोगियों के लिए बनाए गए अस्पतालों
में करीब 6000 वेंटिलेटर थे। यूपी के 36 जिलों में बीते साल 25 मार्च तक एक
भी वेंटिलेटर नहीं था। आज यूपी के इन जिले में करीब पांच वेंटिलेटर हो गए
हैं। वेंटिलेटर की यह उपलब्धता बहुत कम है, पर न होने से तो बेहतर ही है।
अब
सूबे के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या में और इजाफा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके संकेत दे दिए हैं। केंद्र सरकार ने भी
राज्यों को वेंटिलेटर दिए जाने का बीते दिनों ऐलान किया है। देश में
कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के साथ ही वेंटिलेटर की बढ़ती मांग को देखते
हुए इस जीवन रक्षक उपकरण (वेंटिलेटर) का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने
इसका निर्माण तेज कर दिया है। नोएडा स्थित एग्वा हेल्थकेयर के सीईओ दिवाकर
कहते हैं, कोरोना संक्रमण के मामलों की ताजा लहर के कारण वेंटिलेटर की मांग
बढ़ रही है। इस बार कोरोना की लहर में मरीजों को संक्रमण होने के पांच से
छह दिनों के बाद वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है, जबकि पहले वेंटिलेटर की
आवश्यकता 10 से 15 दिनों के बाद होती थी। ऐसे में अब वेंटिलेटर की मांग बढ़
रही है और इसे देखते हुए उनकी कंपनी ने उत्पादन को प्रति माह बढ़ा दिया
है।
दिवाकर बताते हैं कि बीते साल उनकी कंपनी प्रति माह सौ से 200
वेंटिलेटर बनाती थी और अब प्रतिमाह 10 हजार वेंटिलेटर बना रहे हैं। अब इस
कंपनी को वेंटिलेटर बनाने के कई राज्यों से आर्डर भी मिलने लगे हैं। बीते
साल साउदी अरब सहित कई देशों ने इस कंपनी से वेंटिलेटर खरीदे थे। अब एग्वा
हेल्थकेयर के बनाए वेंटिलेटर देश तथा प्रदेश के हर राज्य में लोगों के जीवन
को बचाने में डाक्टरों की मदद कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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