विश्व शांति को भंग करने में अमेरिका का 'काला हाथ'

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 14 अप्रैल 2021, 11:47 AM (IST)

बीजिंग| हाल में यूक्रेन के पूर्वी भाग में परिस्थिति निरंतर तीव्र होती जा रही है। अमेरिका का 'काला हाथ' निरंतर नजर आता है। अमेरिकी सैन्य पक्ष ने युद्धपोतों को काला सागर क्षेत्र में तैनात करने की बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री आदि वरिष्ठ नेता यूक्रेन के साथ घनिष्ठ संपर्क में हैं। अमेरिका के हस्तक्षेप से यूक्रेन बड़े पैमाने वाले सैन्य मुठभेड़ में फंसने की जोखिम में है। जबकि यह अमेरिका द्वारा लोकतंत्र की आड़ में उथल-पुथल करने और विश्व शांति को बर्बाद करने की एक कार्रवाई है।

चीनी मानवाधिकार अनुसंधान संस्था द्वारा हाल में जारी एक रिपोर्ट से जाहिर है कि द्वितीय विश्वयुद्ध से करीब सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने अपने कार्यकाल में विदेशी युद्ध छेड़े थे या इनमें शामिल हुए थे। अपूर्ण आंकड़े बताते हैं कि द्वितीय विश्वयुद्ध से 2001 तक विश्व के 153 क्षेत्रों में हुई 248 सशस्त्र मुठभेड़ों में अमेरिका ने 201 युद्धों को छेड़ा, जो कुल संख्या का लगभग 82 प्रतिशत है। इन युद्धों में अनेक सैनिकों ने जान गंवायी, साथ ही आम नागरिकों की गंभीर हताहती हुई, और जान-माल का बड़ा नुकसान भी हुआ।

कई वर्षों तक अमेरिका ने अपनी प्रभुसत्ता की रक्षा करने के लिए उनकी प्रणाली को स्वीकार न करने वाले देशों पर मनमाने ढंगे से प्रहार किया या सीधा बलप्रयोग किया, ताकि अन्य देशों की सत्ता को बदल सके।

विडंबना यह है कि युद्धों से कुछ देशों के शरणार्थियों को विवश होकर पश्चिमी देशों में प्रवेश करना पड़ा, आतंकवादी शक्तियां भी यूरोप और अमेरिका में ओतप्रोत हैं। इन सभी ने पश्चिमी देशों की सुरक्षा को बड़ी धमकी दी है। दूसरी ओर, अमेरिका की प्रतिष्ठा और प्रभाव की भी आक्रमण युद्ध से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की।

विश्व के लोग साफ देख सकते हैं कि अमेरिका लोकतंत्र के बजाए अशांति और युद्ध का निर्यात करता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

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