कश्मीरी फिल्म उद्योग का उत्थान चाहता हूं : निर्देशक दानिश रेंजू

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 24 मार्च 2021, 6:11 PM (IST)

नई दिल्ली| फिल्म निर्माता दानिश रेंजू कश्मीर स्थित अपने घर और वहां रह रहे अपने लोगों को भूले नहीं हैं। 35 वर्षीय फिल्म निर्माता ने अपने अगले प्रोजेक्टों में कश्मीर के लोगों को शामिल करने का फैसला लिया है। रेंजू ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "जब मैं ऐसा कहता हूं तो एक जिम्मेदारी का एहसास होता है। मैं चाहता हूं कि कश्मीर में फिल्में उद्योग के तौर पर बढ़ें। मेरी पिछली फिल्म ('हाफ विडो', 2017) में लगभग सभी लोग- राइटर, लाइटमैन से लेकर कैमरामैन तक, सभी कशमीरी थे।.. और मैं यकीन के साथ कहूंगा कि मैं आगे भी इस चीज को जारी रखूंगा।"

उन्होंने कहा, "मैं कभी अपने घर को नहीं भूला और मैं जब भी कहीं जाता हूं तो हमेशा उसे अपने दिल में लिए घूमता हूं।"

रेंजू ने कहा कि उन्होंने अपना समय लॉस एंजेलिस के यूसीएलए में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए गुजारा।

उनकी नई फिल्म 'द इल्लिगल' जो डिजिटली फ्लॉप हो गई, में उनके अभिकथन की एक गूंज मिलती है। सूरज शर्मा, आदिल हुसैन, श्वेता त्रिपाठी और नीलिमा अज़ीम अभिनीत इस फिल्म की कहानी प्रवासी जीवन पर आधारित है।

उन्होंने कहा, "बहुत सी चीजें हैं जो मुझे प्रवासी होने के बावजूद नहीं पता। मेरा मतलब है कि यहां पर सच में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने घर या अपने देश, जहां उनका जन्म हुआ, नहीं जा सकते, क्योंकि उनके पास या तो सही कागज़ात नहीं हैं या फिर उन्होंने गैरकानूनी तरीके से प्रवास किया।"

फिल्म में उनके हीरो (सूरज शर्मा) फिल्मि-मेकिंग की पढ़ाई करने न्यू यॉर्क पहुंचता है। वैसे तो वह फिल्म-मेकिंग के अपने जज्बे को पूरा करने के लिए खूब मेहनत करता है, लेकिन वहां रहने के लिए उसे एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम करना पड़ता है।

रेंजू ने अंत में कहा, "मुझे ऐसा महसूस होता है कि किसी की कहानी बताना, जो किसी दूसरे देश में कुछ बनने जाता है, बहुत ही महत्वपूर्ण है और एक नए देश को अपनाना, वहां अपने आपको ढालना, बिल्कुल भी आसान नहीं है। नए लोगों के बीच अपने आपको ढालने की कोशिश करने में, नए रीति-रिवाजों और बहुत सी चीजों में अपने आपको ढालने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।"

--आईएएनएस

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