नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण, वन
और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को राज्यसभा में एक
पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि चमोली की घटना जल विद्युत परियोजनाओं के
कारण नहींद्व बल्कि सरकार के रूप में ग्लेशियर फटने के कारण हुई। पिछले छह
वर्षो में इस क्षेत्र में किसी भी नई परियोजना को मंजूरी नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण, जलशक्ति और ऊर्जा मंत्रालय ने किसी भी जल
विद्युत परियोजना को नई अनुमति नहीं देने का फैसला किया है।
जावडेकर
ने कहा, कुल 19 परियोजनाएं पहले से ही चालू हैं और सात निमार्णाधीन हैं
जिनमें से दो 25 मेगावाट से कम और छह रन-दर-नदी परियोजनाएं हैं।
मंत्री ने कहा कि चमोली आपदा को लेकर जांच शुरू हो चुकी है।
--आईएएनएस
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