बिहार में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस में 'अपनी डफली, अपना राग', यहां पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 11 मार्च 2021, 12:13 PM (IST)

पटना । बिहार में शराबबंदी कानून के मुद्दे को लेकर विधानसभा में बुधवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया गया। वैसे, देखा जाए तो विपक्षी दलों के महागठबंधन में प्रमुख घटक दल कांग्रेस शराबबंदी को लेकर एकमत नहीं दिखती है। कांग्रेस में नेता इस मुद्दे को लेकर 'अपनी डफली-अपना राग' अलाप रहे हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने बिहार में फिर से शराब बिक्री शुरू करने की वकालत की है। वहीं बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता सदानंद सिंह इसके विरोध में उतर आए हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शराबबंदी की पक्षधर है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि पार्टी की सदस्यता फॉर्म भरने के वक्त भी मादक पदार्थों से दूर रहने की शपथ लेनी पड़ती है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह आईएएनएस से कहते हैं कि बिहार सरकार का शराबबंदी का फैसला हमसभी की सहमति से लिया गया है। यह फैसला राज्य और देश के हित में है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलती है, जो मद्यपान का विरोध करती है।

सिंह ने कहा कि यदि कोई कांग्रेसी नेता शराबबंदी का विरोध करता है, तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, किन्तु पार्टी की नहीं। कोई नेता पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता है। सिंह ने कहा कि पार्टी के बिहार प्रभारी भी इस मामले पर अपनी राय दे चुके हैं।

कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि शराबबंदी को लागू करवाने में सरकार सफल नहीं हो पा रही है। शराब की कीमत तीन गुना बढ़ाकर शराब की बिक्री प्रारंभ की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में राजस्व आएगा। अवैध शराब के कारोबार से बिहार का पैसा दूसरे राज्यों में जा रहा है।

अजीत शर्मा के बयानों से उनकी ही पार्टी के नेता सहमत नहीं हैं। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने शराबबंदी की वकालत करते हुए कहा कि शराबबंदी के कारण महिलाओं की जिंदगी में आश्चर्यजनक परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिर से शराब की बिक्री प्रारंभ करना महिलाओं का अपमान होगा।

कुमार ने हालांकि विधायक दल के नेता के इस बात का समर्थन किया कि सरकार शराबबंदी को सफल करवाने में असफल हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब का व्यापार फल-फूल रहा है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।

इधर, महागठबंधन में प्रमुख दल राजद के विधायक मुकेश रौशन ने आईएएनएस से कहा, "कांग्रेस अलग दल है, उसकी सोच अपनी हो सकती है। राजद शराबबंदी के पक्ष में है लेकिन इस कानून का पालन भी होना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि जब कानून बना था, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जिस घर में शराब बरामद होगी उस घर के मुखिया को गिरफ्तार किया जाएगा। आज राज्य में प्रतिदिन शराब बरामद हो रही हैं और राज्य के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री ही हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी पूरी तरह असफल है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 2016 से शराबबंदी लागू है, जिसमें किसी भी तरह के शराब के क्रय-विक्रय और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध है।

--आईएएनएस

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