भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर
कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और सबसे ज्यादा
मरीज इंदौर व भोपाल में सामने आ रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
द्वारा पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक, यह आसार बढ़ने लगे हैं कि इन दो
प्रमुख शहरों में आठ मार्च की रात से रात्रिकालीन कर्फ्यू लग सकता है।
बीते दो दिनों में इंदौर और भोपाल के साथ पूरे राज्य में पहले से कहीं
ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आए है। वैसे तो राज्य में एक सप्ताह के दौरान
हर रोज मरीज बढ़े है। गुरुवार को जहां राज्य में 440 मरीज मिले थे, इनमें
इंदौर में 162 और भोपाल में 111 मरीज मिले तो शुक्रवार को इंदौर में 176 व
भोपाल में 77 मरीज मिले। कुल मिलाकर इस दिन मरीजों की संख्या 457 रही। वहीं
शनिवार को 467 मरीज मिले, इसमें सबसे ज्यादा इंदौर में 173 और भोपाल में
104 मरीज मिले थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को राज्य में
कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या पर न केवल चिंता जताई थी, बल्कि मरीजों
की संख्या कम न होने पर इंदौर और भोपाल में आठ मार्च की रात से रात्रिकालीन
कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। इसके बाद राज्य में जहां कुल मरीजों की
संख्या बढ़ी है तो इंदौर व भोपाल में भी मरीजों के आंकड़े में उतार-चढ़ाव
जारी है।
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि इंदौर और भोपाल
में मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के चलते इस बात की संभावना बढ़
चली है कि दोनों ही स्थानों पर रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया जा सकता है। ऐसा
इसलिए क्योंकि यह दोनों ही शहर ऐसे रहे हैं, जहां पहले भी बड़ी संख्या में
मरीज समाने आए थे। भोपाल जिला प्रशासन ने मास्क के उपयोग को अनिवार्य कर
दिया है, लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है।
पड़ोसी
राज्य महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित जिलों को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही
है। यही कारण है कि महाराष्ट्र से आने वालों को राज्य में तभी प्रवेश दिया
जा रहा है, जब वे कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट के साथ आ रहे हैं।
इंदौर
को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी है, क्योंकि यहां कोरोना के लंदन वैरिएंट
से प्रभावित छह मरीज पाए गए है। लंदन वैरिएंट का संक्रमण अधिक घातक है।
इसकी संक्रामक क्षमता तुलनात्मक रूप से अधिक है।
--आईएएनएस
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