चीन में युवा अफ्रीकी फुटबॉल कोच का जीवन

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 15 दिसम्बर 2020, 12:46 PM (IST)

बीजिंग| बीते पांच सालों में चीनी आर्थिक सामाजिक विकास का व्यापक तौर पर रचनात्मक रूप से विकास हुआ और ऐतिहासिक उपलब्धियां प्राप्त हुईं, जिससे चीन में कार्यरत विदेशी लोगों को विकास के मौके मिले। अफ्रीका में कांगो लोक गणराज्य से आए बुआका मुकोको इफ्रेम, जिनका चीनी नाम श्याओ लोंग है, उनका जन्म 1990 में हुआ। उन्होंने कांगो लोक गणराज्य के राष्ट्रीय युवा फुटबॉल टीम में भाग लिया। आठ साल पहले श्याओ लोंग चीन आए। वे दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत की राजधानी क्वांगचो में पढ़ते थे और अवकाश के समय शौकिया फुटबॉल के मैच में हिस्सा लेते थे, कभी-कभी फ्रांसीसी दुभाषिया का काम करते थे। 2014 में श्याओ लोंग ने परीक्षा पास कर कोच की योग्यता प्राप्त की और 2017 में वे औपचारिक तौर पर क्वांगचो में पूर्णकालिक फुटबॉल कोच बने।

इधर के सालों में श्याओ लोंग कोच के कार्य में प्रतिबद्ध हैं। सोमवार के सिवा, वे रोज फुटबॉल मैदान में 8 से अधिक घंटे तक काम करते हैं। उनके अधिकतर शिष्य बच्चे और किशोर हैं। एक अभिभावक के अनुसार, श्याओ लोंग की कक्षा में बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं।

इन सालों में श्याओ लोंग सौ से ज्यादा बच्चों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीनी बच्चे बहुत मेहनती हैं और संजीदगी के साथ काम करते हैं। उनके विचार में चीनी फुटबॉल का भविष्य बहुत उज्‍जवल होगा। श्याओ लोंग का सपना अपने शिष्यों को लेकर क्लब प्रतियोगिता में भाग लेने व राष्ट्रीय टीम में भाग लेने का है। इसके लिए वे लगातार प्रयास करते रहेंगे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

-- आईएएनएस

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