जन जातीय जनसंख्या का स्वास्थ्य और कल्याण हमारी सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण-डॉ. हर्ष वर्धन

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 10 दिसम्बर 2020, 4:15 PM (IST)

-नीति गोपेंद्र भट्ट -
नई दिल्ली
। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज छठे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 के एक अंग आईसीएमआर-राष्ट्रीय जन जातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के कर्टन रेजर का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।

छठा भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 (आईआईएसएफ 2020) का आयोजन भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान भारती के साथ मिलकर किया जा रहा है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने भाषण में कहा कि आईआईएसएफ की शुरुआत 2015 में की गई थी, जो सदैव विज्ञान की प्रगति और जनता के जीवन की बेहतरी में इसके उपयोग को प्रदर्शित करता रहा है। वास्तव में आईसीएमआर-एनआरटीएच जबलपुर द्वारा आयोजित कर्टन रेजर समारोह की अध्यक्षता करना एक सौभाग्य का विषय है।डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आईसीएमआर-एनआरटीएच जबलपुर एक मात्र ऐसा संस्थान है जो पूरी तरह जन जातीय जनसंख्या से संबंधित स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों की बायोमेडिकल रिसर्च को समर्पित है। उन्होंने कहा कि जनजातियां भारतीय संस्कृति के अनूठे और रंगारंग वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमारी जनजातिय जनसंख्या की जीवन शैली में विश्वास, परम्परा, मूल्य और रीति-रिवाज दिखाई देता हैं, जो कि प्रकृति के अनुरूप हैं। इस जीवन शैली जिसमें प्रकृति का उल्लंघन करने की गुंजाइश नहीं है। यह जीवन शैली जन जातिय लोगों को विभिन्न बीमारियों के खिलाफ बढ़ी हुई प्रतिरोधक क्षमता देती है। यद्यपि यह चिंता का विषय है कि आज हमारी जन जातीय जनसंख्या, कुपोषण, जीन व्यवस्था और संक्रामक रोगों की अधिकता से पीड़ित है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने जोर देकर कहा कि जन जातीय जनसंख्या का स्वास्थ्य और कल्याण हमारी सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। 2018 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और जन जाति कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से गठित एक विशेषज्ञ समिति ने 10 प्रमुख चिंताओं की पहचान की थी। जन जातीय लोगों के कल्याण के लिए इन चिंताओं पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है और इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने बायोमेडिकल रिसर्च में अद्वितीय योगदान के लिए आईसीएमआर को बधाई दी।आईसीएमआर-एनआईआरटीएच जबलपुर की उन इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए स्वदेशी कार्यनीति विकसित करने के लिए सराहना की, जहां अभी तक पहुंचा नहीं जा सका। आईसीएमआर-एनआईआरटीएच ने सहीरिया जन जाति में टीबी में कमी लाने के लिए पीपीई के मॉडल की सफलता का प्रदर्शन किया है और साथ ही मध्य प्रदेश के मंडला जिले में जनजातीय लोगों में मलेरिया के मामले में कमी लाने का काम भी किया है। इस प्रतिष्ठित संस्थान ने क्लोराइड, एनिमिया और परिवार से होने वाली सिकल सेल रोग जैसी हीमाग्लोबिनोपैथिज की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए कार्य नीति विकसित की है। इन सभी प्रयासों से प्राप्त अनुभव न केवल अनुसंधानकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए अत्यंत सहायक होगा, अपितु नीति-निर्धारकों के लिए जनसंख्या के कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी मदद देगा।

डॉ. हर्ष वर्धन ने आईआईएसएफ 2020 में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया, जो कि वर्चुअल माध्यम से 22 दिसंबर से 25 दिसंबर 2020 के बीच आयोजित होगा। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव विचारों के परागण के लिए मंच प्रदान करता है, जिससे बेहतर नीति निर्धारण और जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी । मैं उदीयमान अनुसंधानकर्ता और वैज्ञानिकों को अनूठे मंच में भाग लेने और विज्ञान तथा समाज में दूरी को समाप्त करने में मदद करने के लिए आमंत्रित करता हूं।

निदेशक और वैज्ञानिक डॉ. सिमरन पांडा, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे, आईसीएमआर-एनआईआरटीएच जबलपुर के निदेशक डॉ. अपारुप दास और अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक और उनके दल के सदस्य इस समारोह में उपस्थित रहे।


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