सीजेआई ने केंद्र से कहा सुनिश्चित करें कि दिल्ली में स्मॉग न हो

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 06 नवम्बर 2020, 4:06 PM (IST)

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अदालत का किसी भी आयोग से कोई लेना-देना नहीं है और यह प्राथमिकता के आधार पर बस यही चाहती है कि केंद्र यह सुनिश्चित करे कि शहर में स्मॉग (धुंध) न हो। मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नवगठित वायु गुणवत्ता आयोग शुक्रवार से काम करना शुरू कर देगा और पूर्व पेट्रोलियम सचिव एम.एम. कुट्टी आयोग के प्रमुख होंगे।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हमें किसी आयोग से मतलब नहीं हैं। पहले से ही कई आयोग और कई दिमाग काम कर रहे हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शहर में कोई स्मॉग न हो। हम छुट्टियों के बाद इन दलीलों पर विस्तृत सुनवाई करेंगे।"

मामले में नाबालिग याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि पांच साल की जेल और 1 करोड़ रुपये के जुर्माने की रकम मनमानी लगती है। सिंह ने जोर देकर कहा कि बढ़ता वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है और वास्तव में यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है और इसके लिए कुछ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रधान न्यायाधीश ने मेहता से यह भी कहा कि अपराधों की ग्रेडिंग की आवश्यकता है। बोबडे ने कहा, "हमें इस पर विस्तार से जानकारी की जरूरत है कि आप किस तरह के अपराधों को देख रहे हैं। आयोग के आदेशों और प्रावधानों के उल्लंघन के कारण 5 साल की जेल या 1 करोड़ रुपए का जुर्माना नहीं हो सकता है।"

आयोग में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नहीं होने के पहलू पर, प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "आखिरकार, हम कानून की अदालत हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों को नहीं छोड़ेंगे लेकिन हम अपनी बाधाओं के बारे में भी जानते हैं। हम एग्जीक्यूटिव डोमेन में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। सरकार के पास संसाधन और पैसे हैं और उन्हें अंतत: कार्य करना होगा।"

शीर्ष अदालत पराली जलाने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थीं, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।

--आईएएनएस

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