राजस्थान सरकार ने कोविड के दौरान भी रिकॉर्ड इंडस्ट्रियल प्लाट बेचे हैं - उद्योग मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 नवम्बर 2020, 4:00 PM (IST)

जयपुर । फिक्की राजस्थान स्टेट कौंसिल मेंबर्स को सम्बोधित करते हुए परसादी लाल मीणा, उद्योग मंत्री, राजस्थान सरकार ने कहा कि “हमारी सरकार ने उद्योगीकरण को प्राथमिकता दी है । रीको के जितने प्लाट पिछले 5 सालों में भी नहीं बिके, उससे कहीं ज्यादा प्लाट हमने कोरोना काल में ई-ऑक्शन के जरिये बेचे है, इस दौरान 1400 करोड़ का निवेश आया है जो यह दर्शाता है की राजस्थान निवेश लाने में प्रगति कर रहा है” ।

उन्होंने कहा कि हम ओद्योगिक निवेश के लिए MSME एक्ट लेकर आये जिसमे हमने ये प्रावधान किये की राजस्थान में 10 करोड़ तक के निवेश वाले उद्योगों को कोई परमिशन की जरुरत नहीं है, और इस पहल के लिए हमारी पूरे देश में सराहना भी हुई । 14 विभागीय अधिकारीयों का एक ही छत के नीचे वन स्टॉप सिंगल विंडो सिस्टम द्वारा हमने उद्योगपतियों को जो सुविधा दी है इसके फलस्वरुप हमारे पास इस पोर्टल के द्वारा 7000 से भी ज्यादा उद्योग लगाने की ऍप्लिकेशन्स आयी हैं जो इसकी सफलता को दर्शाता है ।

उद्योग मंत्री ने ये भी कहा कि नॉन राजस्थानी रेसिडेंट्स (NRR) के लिए समर्पित उद्योग क्षेत्र जल्द ही लांच किया जायेगा । राजस्थान की RIPS 2019 पालिसी पूरे देश में सराहनीय है और माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में इन्वेस्टमेंट बोर्ड का गठन औद्योगीकरण की दिशा में प्रेरणादायक कदम हैं ।

इस अवसर पर अशोक कजारिया, चेयरमैन, फिक्की राजस्थान स्टेट कौंसिल ने स्वागत भाषण देते हुए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा की मौजूदा उद्योगों से बेहतर ब्रांड एंबेसडर कोई नहीं हो सकता है, इसलिए हमारा सुझाव है की Ease of Doing Business पर ध्यान केंद्रित करना और नए निवेश को आकर्षित करना राज्य सरकार के लिए एक प्राथमिकता है । परन्तु मौजूदा व्यवसायों को handholding और Ease of Running Business भी समान रूप से महत्वपूर्ण है ।

इस अवसर पर उद्योगपतियों ने कोरोना के बाद व्यापार में हुई प्रगति के बारे में अपने सुझाव साझा किये। अरुण मिश्रा, सीईओ, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने कहा की हमारा प्रोडक्शन सरकार के सहयोग से कोविद के दौरान चालू ही नहीं हुआ बल्कि पिछले 5 सालों में हमारा प्रोडक्शन quarter 2 में इस बार सबसे अच्छा रहा है और हम इस समय भी हमारा ऑपरेशन्स एक्सपैंड करने का सोच रहे है । हम शीघ्र ही हमारी वर्तमान उत्पादन क्षमता को 1.2 मिलियन टन से बढाकर 1.5 मिलियन टन और साथ ही एक फ़र्टिलाइज़र प्लांट भी स्थापित करने जा रहे है।

चर्चा के दौरान राजीव अरोड़ा, प्रेसिडेंट, फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान एक्सपोर्ट्स (FORE) ने कहा की राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के गठन की प्रक्रिया तेज की जाये जिससे निर्यात से जुड़े उद्योगों को लाभ मिल सके ।

उद्योग के सदस्यों के साथ विचार विमर्श के दौरान निम्नलिखित सुझाव दिए गए

• 10000 मीटर के ऊपर की लैंड पर 2 रुपया मीटर लैंड टैक्स जो लगाया गया है, उसमे राहत दी जाये


• बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर सेस जो साल 2009 से लागू है उसकी डिमांड्स अभी आयी हैं जिसको की उद्योग चुकाने के लिए तैयार हैं परन्तु उसमे पेनल्टी और ब्याज में राहत दी जाये


• आज, मौजूदा उद्योग, विशेषकर MSMEs राहत और प्रोत्साहन की तलाश में हैं। हम जानते हैं कि सरकारी खर्च पर सीमाएं हो सकती हैं, कम से कम हम इस बात पर सहमत हो सकते हैं कि अगले एक साल तक उद्योगों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाए

• बिजली में ओपन एक्सेस, कैप्टिव जनरेशन और थर्ड पार्टी को रिन्यूएबल एनर्जी की सेल से जुड़े अन्य मुद्दे हैं, जिनमें उपभोक्ताओं के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है


• रीको के ओद्योगिक क्षेत्रों की सुविधाओं के सर्वे करने के लिए एक कमेटी का गठन किये जाये जो हर महीने इन ओद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करें और सुविधाओं का जायजा लें।



ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे