जयपुर। राजस्थान का गुर्जर समाज एक बार फिर आंदोलन की तैयारी कर रहा है। भरतपुर जिले के पीलूपुरा क्षेत्र में स्थित रेल मार्ग पर डेरा जमाने वाले इससे पहले भी अलग-अलग मौकों पर इन लोगों ने प्रदेश की गहलोत सरकार को अल्टीमेटम देकर उनकी मांगे नही मानने पर एक नवम्बर को एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिह बैंसला ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में चक्काजाम किया जाएगा। गुर्जर आंदोलन को लेकर पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को मीटिंग हुई, तैयारियों के चलते बड़ी संख्या में हथियारबंद जवान आंदोलन स्थल पर मोर्चा संभालेगे।
आंदोलन स्थल पर जवान - हथियारबंद 30 कंपनियां मोर्चा संभालेगी। पुलिस मुख्यालय की ओर से जैसलमेर, बाड़मेर व गंगानगर से 7 बॉर्डर होमगार्ड की हथियारबंद कंपनियां मंगवाई गई है। केंद्र सरकार से रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनियां व सीआरपीएफ की 8 कंपनियां मांगी गई है। दर्जन आरएसी की कंपनियों भी आंदोलन स्थल पर तैनात रहेगी। आठ एडिशनल एसीपी, आधा दर्जन डिप्टी एसपी व कई इंस्पेक्टर आंदोलन स्थल पर तैनात होकर अपनी पैनी निगाह बनाए रखेगे।
सरकार के साथ हो चुकी कई बैठक - किरोड़ी का कहना है कि गुर्जर समाज प्रक्रियाधीन भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की बात कई बार राज्य सरकार से कर चुका है। पूर्व में आंदोलन के दौरान मारे गए समाज के लोगों के स्वजनों को मुआवजा व नौकरी देने और मुकदमों को वापस लेने सहित कई मांगों को लेकर सरकार के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। इसके बावजूद सरकार ढिलाई बरत रही है। इससे गुर्जर समाज में भारी रोष है। सरकार ने एक नवंबर तक मांगें नहीं मानी तो समाज आंदोलन करेगा।
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