कोरोना संक्रमण के दौरान बढ़ी पेलियेटिव केयर की जरूरत

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 10 अक्टूबर 2020, 12:37 PM (IST)

जयपुर। कैंसर, एडस, ऑर्गन फेल्यर जैसी गंभीर बीमारियों में रोगी के दर्द और तकलिफ को कम करने के लिए दी जाने वाली पेलिएटिव केयर की जरूरत कोरोना संक्रमण के दौरान ओर भी बढ़ गई है। देश में करीब 60 लाख रोगियों को पेलिएटिव केयर की जरूरत पड़ती है, लेकिन पेलिएटिव केयर की सुविधा की कमी के चलते महज चार प्रतिशत लोग ही इस सुविधा का लाभ उठा पा रहे है। वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के दौरान कई रोगी गंभीर बीमारी के उपचार में रूकावट के चलते पेलिएटिव केयर की आवश्यकता की श्रेणी में आ चुके है। यह कहना है भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एंव अनुसंधान केन्द्र के पेलिएटिव केयर विभागाध्यक्ष डॉ अंजुम खान जोड का। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व पेलिएटिव केयर डे के रूप में मनाया जा रहा हैै। इस मौके पर डॉ अंजुम ने बताया कि विश्व महामारी के दौरान सही समय पर जरूरतमंद तक पेलिएटिव केयर पहुंचाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

डॉ अंजुम का कहना है कि संकम्रण के दौरान सरकार या चिकित्सालय अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन हर जरूरतमंद को पेलिएटिव केयर मिले इसके लिए जरूरी है कि एनजीओं, समाज सेवी संगठन और आमजन भी इसके लिए आगे आए। पेलिएटिव केयर प्रदान करना मंहगा या खर्चिला नहीं है, प्रशिक्षण के जरिए घर पर भी पेलिएटिव केयर चिकित्सा दी जा सकती है। इसके लिए रोगी को चिकित्सालय में भर्ती रखना अनिवार्य नहीं होता है।

देश में सरकार की ओर से पेलिएटिव केयर प्रोग्राम पर पिछले कुछ सालों में काफी काम किया जा रहा है। पिछले कुछ समय पर राजस्थान राज्य में जिला स्तर पर कई काम हुए जिसके तहत डॉक्टर्स और नर्सेज को ट्रेनिंग दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से राजस्थान प्रदेश के विभिन्न जिलों के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को पेलिएटिव केयर सपोर्ट प्रोग्राम की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। डॉ अंजुम ने बताया कि भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के पेलिएटिव केयर विभाग की ओर से झालावाड, जोधपुर, श्रीगंगानगर अलवर, भीलवाडा, नागौर, टोक पाली सहित कुल 22 जिलों के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को पेलिएटिव केयर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

टीम के रूप में दिया जाता है पेलिएटिव केयर

गंभीर बीमारी से लडते हुए मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पेलिएटिव केयर एक टीम के रूप में कार्य करता है। इस टीम में डॉक्टर, नर्स, साइकोलॉजिस्ट, सोषल वर्कर, फिजियोथैरेपिस्ट, डायटीशियन सभी शामिल होते हैं। पेलिएटिव केयर का लक्ष्य रोगी को दर्द से राहत दिलाने के साथ ही बीमारी में होने वाली तकलीफ को दूर करके रोगी और उनके परिजनों के मनोबल को बढाना है।

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