बॉलीवुड दलदल है, उससे दूर रहना चाहता हूं: इंडियन ओशेन के गायक राहुल राम

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 01 अक्टूबर 2020, 2:33 PM (IST)

नई दिल्ली। इंडियन ओशेन के साथ अपने 30 साल पूरा होने पर गायक और बास गिटारिस्ट राहुल राम को लगता है कि पिछले तीन दशकों में बैंड उनके जीवन का केंद्र बिंदु बन गया है। यह याद करते हुए कि शुरुआती दिनों में वे शायद ही कोई शो पाने में कामयाब रहे और 1991, 1992, 1993 और 1994 में कुल सात शो ही मिले और उनसे शायद 95,000 रुपये की कुल कमाई हुई। उन्होंने हंसते हुए कहा, "स्पष्ट है कि हम यह प्रेमवश कर रहे थे, न कि पैसों के लिए। हम कहीं भी जाते, तो लोगों ने हमेशा अधिक की मांग की। मुझे लगता है कि यही वह चीज है, जो हमें आगे बढ़ा रहा है।"

यह मानते हुए कि कुछ बेहतरीन स्वतंत्र बैंड कुछ सालों के बाद अधिक समय तक चल नहीं पाए, राम ने कहा कि इंडियन ओशेन अभी भी चल रहा है, क्योंकि इसके सदस्य एक साथ आने के पहले से ही वयस्क थे।

उन्होंने कहा, "अधिकांश बैंड अहंकार के कारण टूट जाते हैं, क्योंकि लोग अब एक दूसरे के साथ अधिक तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। यहां तक कि जो लोग कॉलेज में एक साथ परफॉर्म करने के बाद पेशेवर बनते हैं, वे भी शायद ही कभी 10 से अधिक सालों तक टिक पाते हैं। बेशक 'परिक्रमा', 'यूफोरिया' और कुछ अन्य बैंड एक अपवाद हैं। इसलिए मुझे लगता है, उम्र एक बड़ा फैक्टर है जो परिवर्तन लाता है और यह बात कि हम जो कुछ कर हैं, वह प्रेमवश कर रहे हैं, जैसे नई ध्वनियों का प्रयोग और उनका निर्माण करना।"

उनसे पूछने पर कि कैसे डिजिटल रिवॉल्यूशन ने एल्बमों को अतीत की बात बना दिया है इंडियन ऑशन के सदस्य और हाल ही में एचसीएल डिजिटल कंसर्ट का हिस्सा रहे राम ने कहा, "उनकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, आपको बड़े स्टूडियो की आवश्यकता नहीं है, और साउंडक्लाउड के साथ घर पर बहुत सारी चीजें खुद कर सकते हैं। निश्चित रूप से इसमें बहुत अधिक भीड़ भी है, क्योंकि अब कोई भी इस स्पेस में एल्बम कट कर सकता है। हमारे लिए एक अच्छी बात है कि लोग हमारे बारे में पहले से ही जानते हैं, इसलिए हमें संघर्ष नहीं करना है। लेकिन यहां तक कि पश्चिमी संगीतकारों का कहना है, कि समकालीन मॉडल को जीवित करने के लिए, आपको पैसा बनाने के लिए स्वस्थ रहना, भ्रमण करना और प्रदर्शन करना होगा। सिर्फ डाउनलोड्स से पैसे नहीं बनते हैं।"

'ब्लैक फ्राइडे', 'पीपली लाइव', और 'मसान' जैसी फिल्मों के साथ बॉलीवुड में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए राम कहते हैं कि हालांकि उन्हें इन फिल्मों का हिस्सा बनने पर मजा आया, लेकिन उन्हें पूरी तरह से बॉलीवुड व्यक्ति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, "वह एक दलदल है जिसे मैं दूर रहना चाहता हूं।" (आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे