बिहार में सुशांत मामले का होगा राजनीतिकरण - शिवसेना

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 25 सितम्बर 2020, 9:04 PM (IST)

मुंबई । शिवसेना के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार दोपहर को घोषणा की कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत और ड्रग मामलों की जांच के नतीजों का बिहार चुनाव के दौरान 'राजनीतिकरण' होगा। राउत ने मीडिया से कहा, "यह एक लंबा सुनियोजित नाटक था .. बिहार सरकार के पास बोलने के लिए कोई विकासात्मक या शासन संबंधी मुद्दे नहीं हैं .. उन्होंने सुशांत के पोस्टर के साथ प्रचार करना शुरू कर दिया है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि सुशांत मामले और ड्रग्स मामलों को इतनी तूल क्यों दी जा रही है।"

उन्होंने यह जानने की मांग की कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नियंत्रित ड्रग्स मामले के साथ, "सुशांत मामले में सीबीआई जांच का क्या हुआ", अब बिहार के पूर्व डीपीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने राज्य चुनाव लड़ने के लिए आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया है।

वहीं फिल्म उद्योग से विभिन्न हस्तियों से पूछताछ के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि एनसीबी की भूमिका विभिन्न देशों के नशीले पदार्थों की सीमा पार से भारत में तस्करी को रोकने की है, चाहे वह हवाई मार्ग से हो, समुद्री मार्ग से हो या सतह मार्गों से हो।

उन्होंने कहा, "लेकिन यहां वे व्यक्तियों से पूछताछ कर रहे हैं .. किसी को भी बुलाने का उनका विशेषाधिकार है।"

उन्होंने आगे कहा, "कोविड महामारी की स्थिति ने पूरे देश में एक असाधारण स्थिति पैदा कर दी है .. क्या बिहार चुनाव कराने का यह सही समय है? क्या महामारी खत्म हो गई है?"

उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रस्तावित फिल्म सिटी पर एक सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक स्वागत योग्य विकास है और मनोरंजन उद्योग रोजगार के बड़े अवसर पैदा कर सकता है।

राउत ने कहा, "गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद सरकार ने कश्मीर घाटी में भी एक फिल्म सिटी स्थापित करने के बारे में क्यों नहीं सोचा .. यह जम्मू एवं कश्मीर में बहुत सारे व्यवसाय के अवसर पैदा करेगा।"

हालांकि, उन्होंने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उप्र में फिल्म सिटी, देश की फिल्म राजधानी मुंबई के महत्व को कम करेगा।

राउत ने कहा, "कोई भी महाराष्ट्र छोड़ने और उप्र नहीं जाने वाला है .. वे सभी यही रहेंगे .. मुंबई के फिल्म उद्योग को रक्त, पसीना और आंसू के साथ स्थापित किया गया है और यह कभी भी अपना महत्व नहीं खो सकता है। फिल्म सिटी या कुछ सरकारी विभागों को स्थानांतरित करने मात्र से मुंबई के महत्व को प्रभावित नहीं किया जा सकता है।"

--आईएएनएस

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