कोरोनाकाल में भाजपा सरकार का असली चेहरा हुआ बेनकाब - कुमारी सैलजा

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 25 सितम्बर 2020, 3:09 PM (IST)

चंडीगढ़ । हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार का असली चेहरा कोरोना काल मे बेनकाब हो चुका है। भाजपा सरकार ने किसानों के बाद अब निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों के लिए भी काले कानून संसद में पारित करा दिए हैं। यह खतरनाक नए श्रम कानून निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के हितों पर कुठाराघात हैं और उनके मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला हैं। सरकार के इन कानूनों से बेरोजगारी के हालात और भी ज्यादा भयवाह होंगे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि अब जिन कंपनियों में कर्मियों की क्षमता अधिकतम 300 होगी, वह कंपनी बिना सरकार की अनुमति के अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकेंगी। इसके साथ ही यह कंपनियां बिना सरकार की अनुमति के बंद भी की जा सकेंगी। अब कोई भी कामगार बिना 60 दिन पहले नोटिस दिए हड़ताल पर नहीं जा सकता। यह फैसला सरकार द्वारा कर्मियों की आवाज को दबाने का एक कुत्सित प्रयास है। इसके साथ ही कंपनियों को यह छूट होगी कि वे अधिकतर लोगों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नौकरी दे सकें। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट को कितनी भी बार और कितने भी समय के लिए बढ़ाया जा सकेगा। इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है। वह प्रावधान भी अब हटा दिया गया है, जिसके तहत किसी भी मौजूदा कर्मचारी को कॉन्ट्रैक्ट वर्कर में तब्दील करने पर रोक थी। उन्होंने कहा कि यह काले कानून कर्मचारियों के हितों पर सीधे कुठाराघात हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि आज यह रोजगार विरोधी सरकार में सरकारी नौकरियां देना नहीं चाहती। लोग अपने गुजर बसर के लिए निजी कंपनियों पर निर्भर हैं। आज बेरोजगारी को लेकर हालात बेहद ही चिंतनीय बने हुए हैं। अब भाजपा सरकार के इन काले कानूनों से मौजूदा रोजगार पर भी संकट के बादल मंडराने लगेंगे। सरकार का काम होता है सभी लोगों की नौकरियों को सुरक्षित बनाने के लिए कानून बनाना, लेकिन सरकार ने उल्टे नौकरी से हटाने के नियम ही आसान कर दिए। उन्होंने कहा कि इसका इस कानून का हरियाणा प्रदेश में बहुत ज्यादा असर होगा। आज हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी वैसे ही पूरे देश में सबसे अधिक है, इस नए कानून के बाद प्रदेश में बेरोजगारी का संकट और गहरा जाएगा।

कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार अपने बहुमत का दुरुपयोग करके लगातार देश की जनता को बर्बादी के रास्ते पर ले जाने के लिए कानूनी जामा पहना रही है। संसद के एक ही सत्र में इतने काले कानून बनाए गए हैं कि संविधान की आत्मा भी सिहर उठी है। यह काले कानून किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जा सकते हैं। कांग्रेसी पार्टी द्वारा सरकार के इन काले कानूनों का पुरजोर तरीके से विरोध संसद में किया गया है और सड़कों पर भी किया जा रहा है।


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