चंडीगढ़। पंजाब में भाजपा नेताओं और कार्यकतार्ओं ने पंजाब सरकार पर अवैध शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए हाल ही में हुए जहरीली शराब त्रासदी से 100 से अधिक लोगों की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने लगभग 200 प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिसका नेतृत्व राज्य अध्यक्ष अश्विनी शर्मा कर रहे थे। शर्मा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया कि वह अवैध शराब माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं, और उन्होंने इस त्रासदी में हुई मौतों की जांच सीबीआई द्वारा करने की मांग की।
वह विरोध प्रदर्शन करने के लिए मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास की ओर मार्च कर रहे थे।
शर्मा ने मीडिया से कहा, "हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और लगभग एक मंच से राज्य-स्तरीय घेराव कर रहे हैं, ताकि सरकार अपनी नींद से जागे।"
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को विरोध स्थल खाली करने की चेतावनी दी थी क्योंकि उनके पास विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। जब उन्होंने वहां से हटने से इनकार कर दिया तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय सांपला और तरुण चुघ को पुलिस से मामूली खींचातानी के बाद हिरासत में ले लिया गया।
हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को बाद में छोड़ दिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक ने 5 अगस्त को दो विशेष जांच टीमों (एसआईटी) का गठन कर मामले की तेजी से जांच करने का आदेश दिया, जांच जहरीली शराब हादसे में दर्ज किए गए पांच एफआईआर की आधार पर अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन जिले में की जाएगी।
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