राजस्थान की ‘राजनीति’ से परेशान एसओजी व एसीबी!

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 12 अगस्त 2020, 2:21 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच करीब एक माह से अधिक चले सियासती दंगल में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
राजस्थान की सरकार को गिराने के षडय़ंत्र को लेकर वायरल हुए ऑडियो टेप मामले में मुख्य सचेतक महेश जोशी की तरफ से एसओजी व एसीबी में शिकायत दर्ज कराई गई थी। एसओजी ने दर्ज तीन एफआईआर पर जांच शुरू की, तो एसीबी ने दर्ज की गई एफआईआर पर। एसओजी की तरफ से हांलाकि दर्ज तीनों एफआईआर में दायरे का हवाला देते हुए एफआर लगा दी गई और पत्रावलियों को एसीबी के सुपुर्द कर दिया। एसओजी की ओर से जांच में बिचौलिए संजय जैन को गिरफ्तार किया था, जिसको प्रोडक्शन वारंट पर लेकर एसीबी टीम पूछताछ कर रही है।
करना पड़ा दिक्कतों का सामना
मुख्य सचेतक की ओर से दी गई शिकायत पर सचिन पायलट गुट के दो विधायकों को तलाशते हुए एसओजी टीम को भारी किरकिरी का सामान कराना पड़ा था। करीब एक पखवाड़े तक एसओजी टीम को दोनों विधायक पूछताछ के लिए मिले ही नहीं। यहां तक की एसओजी टीम व हरियाणा पुलिस में झड़प होने पर एसओजी अधिकारियों व कर्मचारियों को मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ा। यहीं नहीं, मानसेर व दिल्ली में ठहरी एसओजी की टीमों को आर्थिक दिक्कत भी झेलनी पड़ी। हरियाणा पुलिस के चक्रव्यूह के चलते एसओजी की किरकिरी हुई। हरियाणा पुलिस के चलते एसओजी टीम को हाथ पर हाथ बांधकर बैठना पड़ा।

वहीं, एसीबी की टीम को भी हरियाणा पुलिस ने सहयोग नहीं किया। एसओजी के बाद एसीबी टीम को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। काफी परेशानी के बाद भी दोनों विधायकों को एसओजी व एसीबी तलाशने में नाकाम रहीं। एसओजी व एसीबी टीम का आर्थिक व मानसिक दोनों रूप से परेशान होना माना जा सकता है। प्रकरण की गंभीरता को लेकर जांच में जुटे अधिकारियों व कर्मचारियों की नींद तक उड़ गई।
अखिर क्या होगा अब

विधायक खरीद-फरोख्त के वायरल ऑडियो टेप प्रकरण में एसओजी की ओर से दर्ज एफआईआर में एफआर लगा दी गई। एसओजी ने मामला राजदोह का नहीं होने पर दायरे से बाहर होने की कहकर सम्पूर्ण पत्रावली एसीबी को दे दी। सूत्रों की माने तो एसओजी को शुरूआती जांच में मामले का पता ही नहीं चला कि वह उसका दायरे से बाहर है और एसओजी की ओर से प्रकरण में आरोपित अशोक सिंह, भरत व संजय जैन को गिरफ्तार किया गया। माना जाए तो एसीबी के जांच दायरे में आरोपित संजय जैन के आने पर उसे जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। वहीं, एसओजी में दर्ज तीन प्रकरणों को एफआर लगाने पर क्या जेल में बंद आरोपित अशोक सिंह व भरत को छोड़ दिया जाएगा। काग्रेस में हुए दो फाड़ के दोबारा एक होने पर मुख्य सचेतक की ओर से दर्ज शिकायत पर एसीबी की ओर से आखिर कार्रवाई की दिशा समय ही बताऐगा।

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