राजस्थान में बेसहारा और जरूरतमंद वंचित परिवारों का सर्वे अब 15 अगस्त तक

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 02 अगस्त 2020, 8:53 PM (IST)

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद तबके की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए राजस्थान में देश का सबसे अच्छा पीडीएस सिस्टम विकसित किया जाए ताकि हर पात्र एवं जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर राशन मिल सके और गेहूं का उठाव एवं वितरण समय पर हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लोगों को चाय, नमक सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएं।
गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा तथा जिला कलक्टरों एवं जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विकट समय में खाद्य विभाग के कार्मिकों ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है। इससे लोगों को जरूरत के समय राशन मिल सका। आगे भी इसी भावना के साथ काम करते हुए पीडीएस सिस्टम को मजबूत बनाएं।
बेसहारा एवं जरूरतमंद वंचित परिवारों का सर्वे अब 15 अगस्त तक
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। ऎसे बेसहारा एवं जरूरतमंद लोगों का राज्य सरकार ने सर्वे करवाया था, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित नहीं हैं। इस सर्वे में 20 लाख परिवारों के 68 लाख सदस्यों का पंजीयन किया गया था। जो लोग इस सर्वे में शामिल होने से वंचित रह गए थे, उनके लिए राज्य सरकार ने 22 जुलाई से द्वितीय सर्वे प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि इस सर्वे की अंतिम तिथि को 3 अगस्त से बढ़ाकर 15 अगस्त, 2020 कर दिया गया है ताकि कोई भी जरूरतमंद सर्वे से वंचित नहीं रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य को प्राथमिकता दें।
एनएफएसए में वंचित पात्र लोगों के नाम जोड़े केन्द्र
गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही दिया जा रहा है। इस कारण पात्र होते हुए भी बड़ी संख्या में लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी प्रकार अन्त्योदय योजना के लिए भी काफी पहले सर्वे कर परिवारों का चयन किया गया था। हमारा प्रयास है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ताजा जनसंख्या के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में वंचित पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल करे।
वन नेशन-वन राशन कार्ड के काम को गति दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड के कार्य को गति देते हुए एनएफएसए के लाभार्थियों की आधार सीडिंग जल्द से जल्द करना सुनिश्चित करें। यह कार्य दिसम्बर से पहले हर हाल में पूरा हो। उन्होंने निर्देश दिए कि एनएफएसए की सूची में से मृत व्यक्तियों के नाम तथा डुप्लीकेट राशनकार्ड हटाए जाएं। गहलोत ने कहा कि उचित मूल्य की ऎसी दुकानें जो तकनीकी कारणों से ऑनलाइन नहीं हो सकी हैं उन्हें जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए।
जिला रसद अधिकारियों के साथ किया संवाद
वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बीकानेर, दौसा, नागौर, पाली, उदयपुर, जोधपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, झालावाड़ एवं बाडमेर सहित अन्य जिलों के रसद अधिकारियों से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, अन्त्योदय योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत राशन वितरण एवं इसके उठाव की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में उचित मूल्य की दुकानों पर पारदर्शिता के साथ राशन का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए। गहलोत ने कॉन्फ्रेंस में मौजूद जिला कलक्टरों को इन्दिरा रसोई योजना के त्वरित एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी निर्देश दिए।

शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग हेमंत गेरा ने प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान राज्य सरकार ने 70 करोड़ रूपए व्यय कर एफसीआई से बाजार दर पर गेहूं खरीद कर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया। साथ ही इस अवधि में राज्य सरकार ने गेहूं के निःशुल्क वितरण पर 114 करोड़ की अतिरिक्त राशि वहन की। अप्रैल से जुलाई माह के दौरान सामान्य कीे तुलना में गेहूं का दोगुना उठाव किया गया। इसी प्रकार मार्च 2019 से जुलाई 2020 तक अन्त्योदय, बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल परिवारों को 1 रूपए किलो की दर से गेहूं वितरण पर राज्य सरकार ने 151 करोड़ रूपए की राशि वहन की।

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