कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होता तो होटल में इतने दिन तमाशा नहीं होता - डाॅ. सतीश पूनिया

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 29 जुलाई 2020, 9:11 PM (IST)

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने कहा कि कैबिनेट विधानसभा सत्र बुलाने के लिये जब सिफारिश करती है, तो राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादाओं के तहत सत्र बुलाना होता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी राज्यपाल पद की गरिमा पर हमले कर रही है, इसको लेकर प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत और राज्य सरकार राज्यपाल पद की गरिमा के खिलाफ बयान दे रहे हैं, जो मुख्यमंत्री पद की गरिमा के भी खिलाफ है।
डाॅ. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने असंतुलित होकर राजभवन एवं राज्यपाल को लेकर जो बातें कहीं, वो चिंताजनक एवं निंदनीय है। उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस इस सियासी शोरगुल में भाजपा और राज्यपाल पर झूठे आरोप लगा रही है, संविधान एवं कानून की अनुपालना राज्यपाल कांग्रेस के दबाव की राजनीति से तो करेंगे नहीं, वे संविधान एवं कानून के अनुसार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
सत्र बुलाने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डाॅ. पूनिया ने कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि राज्यपाल महोदय ने सत्र बुलाने को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है, लेकिन इस तरीके की जिद की राजनीति कांग्रेस कर रही है, वो निंदनीय है, 21 दिन के नोटिस के जरिये सत्र बुलाने की एक विधिवत प्रक्रिया होती है, इसके अलावा विधायकों के भी अपने अधिकार हैं जो सदन ने उनको दिये हैं।
उन्होंने कहा कि विरोधावास तो कांग्रेस एवं सरकार के कामकाज से साफ दिखता है कि कोरोना के गम्भीरता के कारण 13 मार्च को सदन का सत्रावसान हुआ था, उस समय कोरोना का आंकड़ा बहुत कम था और अब आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में वो चर्चा कोरोना की करना चाह रहे हैं, खतरा बरकरार है, यह बात खुद राज्य सरकार स्वीकार भी कर रही है, इस मामले में कांगे्रस को जिद नहीं करनी चाहिए, राज्यपाल संवैधानिक मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
राजस्थान कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि कांगे्रस के नेताओं ने बयान दिया कि हम इस मुद्दे को कानूनी बजाय राजनैतिक रूप से लड़ेंगे और छत्तीसगढ़ के राजभवन पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया, क्या इस मामले का छत्तीसगढ़ राजभवन फैसला करेगा? उन्होंने कहा कि इससे यह प्रमाण मिल रहा है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देकर राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी को आरोपित करने की विफल कोशिश कर रही है। जनता कांग्रेस पार्टी की हकीकत जानती है, मैं पिछले कई दिन से बड़े रोचक ट्वीट देख रहा हूं, कभी राहुल गांधी नींद से जगकर आ जाते हैं, कभी प्रियंका गांधी की नींद खुल जाती है और कभी मारगे्रट अल्वा ट्वीट करती हैं कि सोनिया गांधी अशोक गहलोत और सचिन पायलट को चाय पर बुला लें तो इस समस्या का समाधान हो जायेगा। इस पूरे मामले में राजस्थान की जनता फुटबाॅल बनी हुई है, कोरोना की इस महामारी में कांग्रेस सिर्फ तमाशा देख रही है।
डाॅ. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होता और भय नहीं होता, तो होटल में इतने दिन तमाशा नहीं होता। विधायक अपने घर रहते, जनता के बीच रहते, आमजन के काम होते, लेकिन अब हालात ऐसे हो गये हैं कि कई विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों के गुमशुदा के पोस्टर लगे हैं, सरकार के मंत्रालयों में आमजन के काम नहीं हो रहे हंै, जिससे प्रदेश के लोग परेशान हैं और अफसरशाही में सरकार ने भ्रम पैदा कर दिया है।

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