बसपा विधायकों के मामले में मेरी याचिका को विधानसभा अध्यक्ष ने बिना सुने निरस्त कर दिया- मदन दिलावर

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 26 जुलाई 2020, 9:00 PM (IST)

जयपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने दिनांक 18 सितम्बर, 2019 को बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) के हाथी के निशान पर चुने हुए 6 सदस्यों को इंडियन नेशनल कांग्रेस में विलय के आदेश जारी किये। जिस पर मेरे द्वारा संविधान की दसवीं अनुसूची अनुसार बी.एस.पी. जो राष्ट्रीय दल है जिसका विलय इंडियन नेशनल कांग्रेस में किये जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए बहुजन समाज पार्टी के 6 सदस्यों को भारतीय संविधान की 10 वीं अनुसूची के अंतर्गत अयोग्य करार किये जाने की याचिका दिनांक 16 मार्च, 2020 को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिस पर अध्यक्ष द्वारा कोई विचार नहीं किया गया, इस पर मेरे द्वारा दिनांक 17.07.2020 को याचिका पर शीघ्र निर्णय किये जाने हेतु स्मरण पत्र जारी कर अध्यक्ष को निवेदन किया गया था की मेरे द्वारा दी गयी याचिका पर कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया गया, जो अध्यक्ष के समक्ष विचाराधीन है। जिस पर लम्बे समय से कोई कार्यवाही नहीं की गई।

दिलावर ने कहा कि मैं आश्चर्य चकित हूँ कि याचिका के संबंध में मुझे समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार से ज्ञात हुआ कि मेरे द्वारा प्रस्तुत 6 विधायकों के विरुद्ध दलविरोधी गतिविधियों की याचिका को मुझे बिना सुने, बिना नोटिस दिये निरस्त कर दिया जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है, जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के 19 सदस्यों के विरूद्ध प्रस्तुत दल विरोधी याचिका जिस दिन यानि दिनांक 14 जुलाई को याचिका प्रस्तुत हुई उसी दिन रात्री में ही नोटिस जारी कर माननीय सदस्यों का दिनांक 17 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने के आदेश माननीय अध्यक्ष महादेय ने दिये।

दिलावर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के सदस्य व कांग्रेस पार्टी के सदस्य दोनों के विरुद्ध याचिका संविधान की दसवीं सूची अनुसार अयोग्यता हेतु अध्यक्ष महोदय के समक्ष प्रस्तुत की गयी थी। जिस पर समानरूप में समयबद्ध कार्यवाही अपेक्षित थी, परन्तु समान रूप से कार्यवाही हुई नहीं। मैं इसके लिए अपने नेतृत्व से चर्चा कर आवश्यक विधिक कार्यवाही करूंगा।

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