कानपुर । कानपुर का बिकरू गांव में
रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया गया है,जहां 3 जुलाई को
गैंगस्टर विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद दुबे शुक्रवार को
कानपुर में स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। गिरफ्तारी
के बाद दुबे को कानपुर लाया जा रहा था, इसी बीच मुठभेड़ हुई।
गांव में आरएएफ की तैनाती के बाद घटना के बाद वहां व्याप्त तनाव को कम करने के लिए पुलिस 'चौपाल' भी लगा रही है।
इसके
साथ ही पुलिस लोगों से घटना की रात अपराधियों द्वारा पुलिस से लुटे गए
हथियार और गोला-बारूद बरामद करने में मदद करने के लिए भी कह रही है।
आईजी
रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा, "वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हम 3 जुलाई
को घटना के दौरान लुटे गए हथियारों को लेकर गांव में निवासियों को चेतावनी
देते हुए मुनादी कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने स्थानीय लोगों के लिए
24 घंटे की समय सीमा तय की है।"
पुलिस गांव में पहले से ही हर घर की तलाशी कर रही है, इस दौरान शुक्रवार को सात जिंदा बम बरामद किए गए।
सर्किल
ऑफिसर (सीओ) त्रिपुरारी पांडेय ने ग्रामीणों के साथ बैठक की, ताकि उनमें
पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हो सके और उनकी अन्य समस्याएं भी सुनी जा
सकें।
पांडेय ने उन लोगों की शिकायतें भी सुनीं जिनकी जमीन और
संपत्ति को दुबे ने जबरदस्ती हड़प लिया था। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया
कि वह उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाने में मदद करेंगे।
दुबे और उनका परिवार करीब 15 सालों से ग्राम पंचायत को नियंत्रित कर रहे हैं।
उन्होंने
कहा, "हम ग्रामीणों से मिल रहे हैं, ताकि उनके दिमाग से डर को दूर किया जा
सके और उनकी शिकायतों को सुना जा सके। विकास दुबे की मौत के बाद स्थिति
सामान्य हो रही है।"
--आईएएनएस
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