विकास दुबे का एनकाउंटर, कई राज दफन, उठे एनकाउंटर पर सवाल, STF ने दिए जवाब

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 जुलाई 2020, 5:49 PM (IST)

कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले पांच लाख रुपए के ईनामी गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में ढेर हो गया। मध्यप्रदेश से कानपुर ले जा रही एसटीएफ की गाड़ी के पलटी खाने के बाद विकास के भागने की कोशिश करने पर पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। गैंगस्टर विकास से पूछताछ के लिए मिले समय में कुछ ही राज से पर्दा उठा, लेकिन उसकी मौत के साथ ही वह कई राज अपने साथ लेकर चला गया। विकास से जुड़े राज खोलने के साथ ही हुए एनकाउंटर पर भी कई सवाल उठ रहे है, जिसका प्रशासन की ओर से अभी तक कोई पुख्ता जबाव नहीं मिल सका है।


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यह उठते है सवाल :

गिरफ्तारी का बनवाया विडियों - उज्जैन के महाकाल मंदिर में मध्यप्रदेश पुलिस के पकडऩे के दौरान उसने भागने का प्रयास क्यों नहीं किया, जबकि बताया जा रहा है कि उसके साथ दो अन्य साथी भी वहां मौजूद थे। जिन्होंने विकास के इशारे पर उसकी गिरफ्तारी का विडियो बनाया था।

खुद दिया परिचय -
गैंगस्टर विकास को भागना ही होता, तो महाकाल मंदिर में उसने खुद ही अपना परिचित देते हुए क्यों कहता कि मैं विकास दुबे कानपुर वाला।

साथ नहीं लाया कोई हथियार -
सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों पर गोलियों की बौछार करने हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास पुलिस से भागने चाहता, तो वह अपनी सुरक्षा के लिए हथियार साथ क्यों नहीं लेकर गया।

ट्रांजिट रिमाण्ड पर नहीं लिया - मध्यप्रदेश पुलिस के विकास दुबे को पकडऩे के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस की टीम को सौंपा। जिसके बाद उत्तरप्रदेश पुलिस ने 650 किलोमीटर का सफर होने के बाद भी विकास को न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर क्यों नहीं लिया। नियमानुसार, पकड़े गए अपराधी को ज्यादा अधिक दूरी पर ले जाने के लिए पास ही स्थित न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड लिया जाता है।

हथकड़ी भी नहीं लगाई -
पांच लाख रुपए के ईनामी गैंगस्टर विकास दुबे पर 60 से अधिक अपराधिक प्रकरण दर्ज है। खुखार अपराधी होने के कारण उत्तरप्रदेश की एसटीएफ टीम को उसको हथकड़ी या उसके हाथ-पैर में जंजीर डालकर लाना चाहिए था, लेकिन वह पुलिस के साथ गाड़ी में आराम से खुला बैठा था।

विकास वाली गाड़ी ही पलटी -
सवाल ये भी उठता है कि विकास को कानपुर लेकर जाने में एसटीएफ की तीन गाडिय़ों एक के पीछे एक थी। सुरक्षा के लिए विकास को बीच वाली गाड़ी में बैठाकर ले जाया जा रहा था। आगे व पीछे वाली गाड़ी ने पलटी नहीं खाई, लेकिन विकास वाली गाड़ी ही अनियंत्रित होकर पलटी खाने के पीछे क्या कारण रहा स्पष्ठ नहीं है।

एसटीएफ टीम थी कमजोर - बताया जा रहा है कि विकास ने गाड़ी पलटी के बाद भागने के लिए एसटीएफ के जवान से पिस्टल छीन ली और वह गाड़ी से करीब 50 मीटर से अधिक दूरी तक भागकर पेड़ के पीछे छीप गया। इस बात को सही माना जाए, तो लगता है विकास को लेने गई एसटीएफ टीम कमजोर थी और पलटी खाने वाली गाड़ी का चालक भी नयानवेला, जो गाड़ी को संभाल नहीं पाया।

रॉड डले पैरों से कहां तक भागता -
विकास के दोनों पांव में रॉड डली हुई थी और वह लंगड़ा कर चलता था। भारी संख्या में हथियारों से लैस एसटीएफ को गच्चा देकर उसका भागना तो दूर भागने का सोचना भी उसके लिए संभव नहीं था। अगर भागना ही चाहता तो वह उज्जैन में ही भाग जाता।

एनकाउटर से पहले मीडिया को रोका -
विकास को मध्यप्रदेश से कानपुर लाने के दौरान एसटीएफ गाड़ी के पीछे ही मीडिया की गाडिय़ां कवरेज के लिए चल रही थी। एनकाउंटर स्थल से कुछ दूर पहले ही मीडिया की गाडिय़ों को क्यों रोका गया।

सीने पर लगी गोलियां - पुलिस का कहना है कि गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर कर मारा गया। उसके सीने में 3 और एक गोली हाथ में लगी। सवाल उठता है कि वह भाग रहा था, तो गोली सीने में कैसे लगी, एक भी गोली पीठ में क्यों नहीं लगी।

बारिश के बाद भी गंदे नहीं हुए कपड़े -
पुलिस का कहना है कि गाड़ी के पलटी खाने के बाद विकास भागकर एक पेड़ के पीछे छीप गया और पुलिस पर फायरिंग की। एनकाउंटर स्थल को देखा जाए, तो वहां बारिश के कारण काफी कीचड़ हो रखा था, लेकिन विकास के एनकाउंटर में ढेर होने के बाद अस्पताल में ला गया। बताया जा रहा है कि विकास के कपड़े कीचड़ व गंदगी से बचे हुए थे।

जिस के लिए रोया फिर वो ही काम : सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या करने के वाला विकास दुबे से पूछताछ में सामने आया था कि पुलिसकर्मियों की हत्या की बात को उसके दिमाग में घुम रही थी। पुलिसकर्मियों की हत्या करने का गलत कदम उठाने को लेकर वह रोया भी था, उसके बाद उसने गाड़ी पलटी के बाद भागने की कोशिश में पुलिस पर फायर किया।

गाड़ी भी क्षतिग्रस्त होने से बची -
तेजगति में गाड़ी में विकास को एसटीएफ टीम लेकर जा रही थी और अचानक गाड़ी पलटी खा गई। पलटी हुई गाड़ी को देख जाते तो उसके नहीं शीशे टूटे है, नहीं टेल लाईट टूटी और नहीं ज्यादा रगड़ लगी। दूसरे सडक़ हादसों में गाड़ी पलटी खाते ही काफी क्षतिग्रस्त हो जाती है, लेकिन यह कैसे पलटी है इसका पता नहीं ।

एसटीएफ ने दिए जबाव -

एसटीएफ की ओर से एक पत्र जारी करते हुए एनकाउंटर को लेकर उठे सवालों के जबाव दिए गए है। जबाव में एसटीएफ की ओर से मध्यप्रदेश से लेकर कानपुर जाने तक के वषय में बताया है। कार पलटने का कारण भी गाय-भैंसों का झुंड आना और एनकाउंटर क्यों करना पड़ा इसका जबाव दिया है।