अब मोबाईल एप से होगी पेयजल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 06 जुलाई 2020, 8:22 PM (IST)

जयपुर । जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में पेयजल परियोजनाओं के प्रत्येक चरण की समयबद्ध मॉनिटरिंग के लिए ‘मोबाईल एप‘ का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए ‘प्रो-एमआईएस‘ मॉड्यूल के तहत एक खास ‘मोबाईल एप‘ तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से प्रोजेक्ट्स की हरेक स्टेज पर ‘जिओ-टैगिंग‘ के साथ फोटोग्राफ्स कैप्चर किए जाएंगे।
प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने सोमवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन (वॉटर एवं सेनिटेशन सपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन-डब्ल्यूएसएसओ) के कार्यालय में आयोजित नियमित समीक्षा बैठक में इस ‘एप‘ को इसी माह ‘रोल आउट‘ करने के निर्देश दिए। श्री यादव ने गत बैठकों के दौरान विभागीय कायोर्ं के निष्पादन में निखार और गति लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए थे, इसी क्रम में यह ‘मोबाईल एप‘ तैयार किया गया है। इससे प्रोजेक्ट के सभी चरणों में कार्य की गुणवत्ता पर भी बराबर नजर रहेगी।
इस ‘मोबाईल एप‘ के अतिरिक्त विभाग ने अधिशाषी अभियंताओ और जूनियर कैमिस्ट स्तर के अधिकारियों तक ‘मैसेजिंग‘ में उपयोग के लिए ‘जिम्स‘ (जीआईएमएस-गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम) नाम से भी एक एप विकसित किया है, जो ‘वॉट्सएप‘ के विकल्प के तौर पर आंतरिक सूचनाओं के आदान-प्रदान में प्रयुक्त होगा। बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने इस ‘एप‘ को भी इसी माह लांच करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा ‘राज-काज‘ एप्लीकेशन के तहत एपीए मॉड्यूल का इस्तेमाल भी वार्षिक कार्य मूल्यांकन एवं लीव एप्लीकेशन सम्बंधी कार्यों के लिए किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि पीएचईडी के सभी तरह के कामों के लिए एक यूनिफाईड बीएसआर बनाई जाएगी।
हैंड पम्प के कार्यो की होगी जांच
बैठक में हैंड पम्प रिपेयरिंग अभियान की प्रगति के दौरान प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जिन हैंड पम्पों की जिओ टैगिंग हो गई है, उनका डाटा आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेवानिवृत शिक्षकों आदि के साथ साझा कर इनकी जांच कराई जाए। उन्होंने राज्य में वॉटर लैब्स एवं मोबाईल वॉटर लैब्स के जरिए पानी के नमूनों की जांच की प्रगति की समीक्षा करते हुए ब्लॉक स्तर पर जल प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए टेंडर प्रक्रिया को भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
सोलर पैनल्स से ऊर्जा उत्पादन की योजना
यादव ने बैठक में अधिकारियों के साथ विभाग के भवनों और अन्य परिसम्पतियों पर सोलर पैनल स्थापित करने के सम्बंध में भी विस्तार से चर्चा की। इस दौरान जोधपुर क्षेत्र में करीब 190 किलोमीटर लम्बी राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल (आरजीएलसी) तथा पूरे प्रदेश में बड़े रिजर्वायर्स और अन्य जगहों पर सोलर पैनल्स लगाने के बारे में विचार विमर्श किया गया। इससे इन परिसम्पतियों के तहत काम कर रहे पम्पिंग स्टेशन पर काम में आने वाली बिजली की बचत के साथ ही अतिरिक्त ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। आरजीएलसी क्षेत्र में करीब 110 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाकर वृहद स्तर पर ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ऎसे करीब 140 पम्पिंग स्टेशन चिह्वित किए गए है, जहां 75 किलोवाट क्षमता के सोलर संयत्र लगाए जाने की सम्भावना है। अधिकारियों को इस दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए।

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