जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान को मेडिकल साइंस के
क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए हम सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं
के ढांचे को लगातार मजबूत कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि राजस्थान
कोरोना जैसी महामारी से सफलता से लड़ पा रहा है। कोरोना संक्रमण से रिकवरी
हो, मृत्यु दर को नियंत्रित करना हो या जांच सुविधाएं, सभी मापदंड़ों पर
राजस्थान देश में अव्वल पायदान पर खड़ा है।
गहलोत बुधवार को ड़ॉक्टर्स डे पर मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के
माध्यम से 108 चिकित्सा संस्थानों के भवनों के लोकार्पण एवं शिलान्यास
समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 171 करोड़ की लागत
से 94 कार्याें का लोकार्पण तथा 20 करोड़ रूपए से 14 कार्यों का शिलान्यास
किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली
बार हमने कोरोना जैसी चुनौती का सामना किया है। इस महामारी ने हमारी
जीवनशैली एवं खान-पान में बदलाव के साथ ही जीवन के प्रति दृष्टिकोण को भी
बदल दिया है। अब हमारी प्राथमिकता यह है कि आर्थिक गतिविधियां कैसे पटरी पर
आएं, क्योंकि जीवन के साथ-साथ आजीविका भी बेहद जरूरी है।
श्री
गहलोत ने कहा कि कोरोना की चुनौती को हमने अवसर के रूप में बदला है। हम
प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर मॉड़ल सीएचसी बनाने का प्रयास कर रहे हैं
जिससे लोगों को उपचार के लिए जिला अस्पताल जाने की जरूरत ना पड़े। उन्हें
अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं
मिल जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का
एकमात्र राज्य है, जिसने कोरोना काल में इतने व्यापक स्तर पर हैल्थ
इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। मार्च के महीने में जब कोरोना का पहला
केस आया था तब हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो हमारे सतत प्रयासों से आज
बढ़कर 40 हजार प्रतिदिन पहुंच गई है। पड़ोसी राज्यों को भी हमने राजस्थान में
5 हजार टेस्ट प्रतिदिन तक करवाने की पहल की है। गहलोत ने डॉक्टर्स डे पर प्रख्यात चिकित्सक स्व. डॉ. बीसी राय का स्मरण
किया। उन्होंने प्रदेश के चिकित्सकों को इस दिवस की बधाई देते हुए कहा कि
संकट की इस घड़ी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में चिकित्सक समुदाय ने
उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं।
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