चंडीगढ़, । पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उम्मीद जताई कि राज्य
में कोविड -19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुये आगे कोई लॉकडाऊन नहीं लगेगा।
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वह सुरक्षा उपायों की पालना
करें जिससे उनके परिवारों और राज्य का बचाव हो सके।
पत्रकारों के साथ
बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि नज़दीक भविष्य में किसी भी तरह की
आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य की तरफ से बड़े स्तर पर प्रबंध किये गए
हैं। कोविड -19 से सम्बन्धित 28 जून तक के आंकड़े सांझे करते हुये
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 5216 कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस पाये गए हैं
जिनमें से 133 की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि 23 मरीज़ हाई डिपैंडसी
(एच.डी.) इकाईयों में दाखि़ल हैं जबकि कई नाजुक हालत में वैंटीलेटरों पर
हैं। उन्होंने जानकारी दी कि चार नयी लैबज़ से कोविड टेस्टिंग सामथ्र्य
जुलाई के अंत तक 20,000 प्रतिदिन तक बढ़ा दिया जायेगा जोकि मौजूदा समय में
10,000 प्रतिदिन के करीब है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे जानकारी देते
हुये बताया कि राज्य के पास महामारी के आगे फैलाव को रोकने के लिए ज़रुरी
उपकरण मौजूद हैं जिस कारण वह अब तक इसको काबू पाने में सफल साबित हुए हैं।
वह नहीं चाहते कि भंडारण में पड़ी इन वस्तुओं को बरतने की ज़रूरत पड़े
क्योंकि उनका सारा ध्यान जानें बचाने पर है। पंजाबियों के जज़्बे की सराहना
करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनसे अपील भी की कि वह बड़े सार्वजनिक
हितों के लिए कोरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में संयम बनाई रखें।
मुख्यमंत्री
ने आगे कहा कि वह सचमुच हैरान होते थे जब वह स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकोल
का उल्लंघन के दोष में लोगों को चालान करने के रोज़मर्रा की रिपोर्टों को
देखते थे। उन्होंने लोगों को चेतावनी देते हुये कहा कि वह न सिफऱ् अपने
स्वास्थ्य बल्कि पूरे राज्य की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों की
पालना करें। उन्होंने लोगों को सलाह भी दी कि कोरोना वायरस के लक्षणों को
केवल मौसमी परिर्वतन समझ कर लापरवाही न बरतें और आम फ्लू, ज़ुकाम, खाँसी,
शरीर दर्द और बुख़ार की सूरत में तुरंत डाक्टर की सलाह लेकर इलाज करवाएं।
एक
अन्य सवाल का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पड़ाव में कोविड
के मरीज़ों के लिए सरकारी अस्पतालों में 4248 बैड रखे गए हैं और 2014 बैड
अब और जोड़े जा रहे हैं जबकि 950 बैड प्राईवेट अस्पतालों में रखे गए हैं।
उन्होंने बताया कि संकट गंभीर होने की सूरत में बड़ी संख्या में लोगों को
रखने के लिए 52 सरकारी और 195 प्राईवेट एकांतवास केन्द्रों की शिनाख़्त की
गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 554 वैंटीलेटरों की मौजुदगी के अलावा अन्य
साजो-सामान अस्पतालों और अन्य फ्रंटलाईन वर्करों को पहले ही सौंप दिया
गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास 5.18 लाख एन-95 मास्क,
तिहरी परत वाले 75.47 लाख मास्क, 2.52 लाख पी.पी.ई. किटें और 2223 ऑक्सीजन
सिलंडर का स्टॉक भी मौजूद है।
कोविड -19 के दरमियान प्राईवेट सैक्टर पर
पड़े प्रभाव संबंधी पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने
पैत्रृक राज्यों को जाने वाले कामगार अब पंजाब लौटने लगे हैं क्योंकि वह
जानते हैं कि पंजाब में रोजग़ार के अथाह मौके हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि
राज्य की ज्यादातर औद्योगिक इकाईयों ने काम करना शुरू कर दिया है और जल्द
ही यह इकाईयाँ पूरे निर्माण सामथ्र्य के साथ काम करना शुरू कर देंगी जिससे
राज्य के राजस्व को बड़ा योगदान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें से
कोई शक नहीं कि कोरोना के संकट के कारण राज्य को 33,000 करोड़ रुपए का
राजस्व नुकसान हुआ है परन्तु केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज
में से एक धेला भी राज्य को नहीं दिया। केंद्र ने सिफऱ् राज्य के हिस्से
का 2200 करोड़ रुपए का जी.एस.टी. दिया है जो उसका कानूनी हक है।
यह पूछे
जाने पर कि क्या पंजाब सामाजिक फैलाव (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) में दाखि़ल
हो चुका है क्योंकि देश में कोविड मामलों की संख्या पाँच लाख को पार कर
चुकी है और सिफऱ् बीते दिन ही 19000 केस सामने हैं तो इसके जवाब में
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों के
तुलनात्मक आधार पर पंजाब में स्थिति बहुत हद तक काबू में है। उन्होंने
उम्मीद ज़ाहिर की कि कोविड के संकट से निपटने के लिए लोगों की सक्रिय
हिस्सेदारी इस मन्दभागे पड़ाव को निश्चित रूप से तौर पर प्रभावित करेगी।
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