जयपुर। प्रदेश में जल जीवन मिशन तथा एक करोड़ से अधिक लागत वाली
परियोजनाओं के कार्यों को गति देने के लिए जलदाय विभाग के तहत विशेष
प्रोजेक्ट्स के तहत कार्यरत मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं
सहित अन्य अभियंता अब जिले में अन्य परियोजनाओं और नियमित कार्यों के लिए
नियुक्त अभियंताओं के साथ मिलकर संयुक्त भागीदारी निभाएंगे।
जलदाय
विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने शनिवार को शासन सचिवालय के
एनआईसी सेंटर से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक
में इस बारे में निर्देश प्रदान किए। उन्होंने अधिकारियों को जल जीवन मिशन
के तहत वर्ष 2024 तक हर घर नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य पर फोकस करते हुए
मिशन मोड में जुट जाने के निर्देश दिए।
यादव
ने कहा कि प्रोजक्ट्स के तहत काम कर रहे मुख्य अभियंता और अतिरिक्त मुख्य
अभियंता जैसे अनुभवी अधिकारियों को नियमित कार्यों की मॉनिटरिंग भी करनी
होगी, इस सम्बंध में जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। ये सभी मिलकर प्रदेश
में जल जीवन मिशन और अन्य प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं में गति और निखार लाने के
लिए मिलकर मेहनत करे। उन्होंने प्रदेश में 22 जिलों में जल जीवन मिशन के
तहत गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत भी गांवों में लोगों को रोजगार
मुहैया कराने के भी निर्देश प्रदान किए।
प्रमुख
शासन सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलों में जिला कलक्टर्स से
सम्पर्क कर जल जीवन मिशन के कार्यों के सम्पादन के लिए जिला जल एवं
स्वच्छता कमेटियों का शीघ्रता से गठन कराएं। इसके साथ ही सभी जिलों में
एफएचटीसी (घरों तक नल कनैक्शन से जल) की एंट्रीज दर्ज करने के कार्य में भी
गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कनिष्ठ अभियंता और सहायक
अभियंताओं को ग्राम पंचायतों में सरपंच और ग्राम सचिवों के साथ समन्वय से
जल जीवन मिशन के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए पाबंद किया जाए।
प्रमुख
शासन सचिव ने बैठक में अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, अलवर, भरतपुर, सवाईमाधोपुर,
गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, बीकानेर, जयपुर शहर, कोटा, बारां, चितौड़गढ़,
झालावाड़, बूंदी और जोधपुर सहित अन्य शहरों में अमृत योजना के तहत चल रहे
कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने नागौर एवं घौलपुर सहित ऎसे शहर
जहां अमृत योजना के तहत ठेकेदार एवं फर्मों द्वारा परियोजनाओं के कामों को
समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है, वहां सम्बंधित फर्म को नोटिस जारी करने
के निर्देश देते हुए कहा कि इनका संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर टेंडर की
शतोर्ं के अनुसार कांट्रेक्ट रद्द करने की कार्यवाही की जाए।
यादव ने वीसी में अभियंताओं से फ्लोराइड एवं पेयजल की गुणवत्ता प्रभावित
क्षेत्रों के कार्यों की प्रगति के बारे में फीडबैक लेते हुए उनको स्थाई
समाधान के लिए इनोवेटिव एप्रोच के साथ कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि
इसका स्थाई समाधान होने तक प्रभावित क्षेत्रों में सोलर डीएफयू और आरओ
प्लांट लगाकर लोगों को राहत देने पर फोकस करे। गांवों की आबादी के आधार पर
आवश्यक क्षमता के आरओ प्लांट लगाने के बारे में प्रस्ताव तैयार कर भेजे।
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