चीन ने लद्दाख में वाई जंक्शन पर कब्जा किया है, घुसपैठ की खुलकर निंदा करें पीएम : कपिल सिब्बल

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 27 जून 2020, 6:16 PM (IST)

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को भारत-चीन टकराव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज कर दिया और इस मुद्दे के बारे में उन पर असंगत बयान देने का आरोप लगाया। उसने कहा कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में 'वाई' जंक्शन पर कब्जा कर लिया है।

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्राचीन चीनी सैन्य रणनीतिकार सन त्जु का संदर्भ दिया जिन्होंने युद्ध के चार सिद्धांत दिए - युद्ध के बिना शत्रु को जीतना, विरोधी की कमजोरियों का फायदा उठाना, रक्षा के लिए छल का सहारा लेना, अपराध और सभी युद्ध धोखे के आधार पर होते हैं।

सिब्बल ने कहा, चीनी अब हमारे साथ यही चाल चल रहे हैं। उन्होंने लद्दाख के देपसांग मैदानों में 'वाई' जंक्शन पर कब्जा कर लिया है, जो लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के 18 किलोमीटर अंदर है।

सिब्बल ने कहा कि चीन द्वारा वाई जंक्शन पर कब्जा कर लेने से अब हम अपने गश्ती पड़ाव संख्या 14 पर नहीं पहुंच सकते। उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि यह कैसे हुआ?
सिब्बल ने कहा, चीन अब घुसपैठ कर रहा है और गश्त पॉइंट संख्या 10, 11, 11 ए, 12, 13 पर भारतीय गश्त में बाधा डाल रहा है।

उन्होंने कहा कि चीनी सेनाएं अब दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) रोड पर लद्दाख के शहर बर्टसे से 7 किलोमीटर दूर हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि वाई जंक्शन संयोग से दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में भारतीय हवाईपट्टी से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है, इस प्रकार यह आर्टिलरी (तोप) रेंज में आता है।

यह कहते हुए कि सियाचिन और काराकोरम र्दे में भारतीय सेनाओं के लिए दौलत बेग ओल्डी हवाईपट्टी जीवन रेखा है सिब्बल ने कहा कि अगर चीनी इतने करीब हैं तो यह भारत के लिए खतरनाक है क्योंकि तोपें दागने के मामले में हमारे हवाई जहाज डीबीओ हवाईपट्टी पर नहीं उतर सकते।

सिब्बल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2013 में यूपीए सरकार के दौरान डीबीओ हवाईपट्टी को चालू किया गया था। कुल 230 विमान वहां उतरे थे, जिसके कारण भारतीय सैनिक सियाचिन में आपूर्ति प्राप्त करने में सक्षम थे।

सिब्लल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि चीनी घुसपैठ नहीं हुई है, लेकिन चीन में भारतीय राजदूत ने कल एक साक्षात्कार में कहा कि भारत आशा करता है कि चीन को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा और अपनी सेनाएं हटा लेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि राजदूत के इस बयान का क्या मतलब है? इसका मतलब यह है कि वे अभी भी वहां मौजूद हैं और भारतीय क्षेत्र में अभी भी चीनी घुसपैठ है।

--आईएएनएस

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