Delhi News : गृहमंत्री अमित शाह और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज शाम लेने कोविड सेंटर का जायजा

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 27 जून 2020, 3:56 PM (IST)

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र में राधा स्वामी ब्यास में कोविड-19 केयर सेंटर का जायजा लेने जाएंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार के अनुसार दिल्ली में कोरोना फैलने का एक बड़ा कारण विदेशों से आए लगभग 35 हजार लोग हैं। इनमें से अधिकांश लोग ऐसे देशों से लौटे थे, जहां कोरोना संक्रमण का प्रभाव था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कोरोना संक्रमित देशों से आए केवल कुछ ही लोगों को अन्य लोगों से अलग एकांत में रखा गया। बाकी लोगों से कोरोना का संक्रमण एक दूसरे में फैलता चला गया।

केजरीवाल ने कहा, कोरोना को रोकने की लड़ाई मार्च महीने में शुरू हुई। जिन देशों में कोरोना फैला था वहां से भारतीय वापस आए। केंद्र ने द्वारा उन्हें भारत वापस लाने का सही फैसला लिया गया। इस दौरान लगभग 35 हजार लोग आए इनमें से केवल कुछ को बुखार था। उन्हें दिल्ली के आरएमएल एवं सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बाकी सभी लोगों को उनके घर भेज दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, विदेश से आए इन लोगों में से केवल कुछ ही लोगों को आइसोलेशन में रखा गया शेष व्यक्ति अपने अपने घर गए। इन 35 हजार लोगो से कोरोना एक से दूसरे व्यक्तियों तक फैला। उस समय न तो यह हमारे पास लैब्स थी न ही टेस्टिंग किट थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, इसके कुछ दिन बाद ही लॉक डाउन हो गया जिसकी वजह से कोरोना कम फैला। लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के फैलने की आशंका थी लेकिन यह हमारी आशंका से भी अधिक तेजी से फैला।

दिल्ली सरकार ने यह स्वीकार किया है कि शुरूआती दौर में अस्पतालों में बेड न होने के कारण लोगों की मौत हुई। इस दौरान दिल्ली में लोगों को चिकित्सीय सहायता लेने के लिए यहां-वहां धक्के खाने पड़े। अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने के कारण लोगों को सही समय पर सही उपचार नहीं मिल सका।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोग बेड के लिए यहां-वहां भाग रहे थे। रात रात भर मेरे पास परेशान लोगों के फोन आते थे और मैंने रात रात भर जाग कर लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कराई। हालांकि अब दिल्ली में हालात बेहतर हैं अभी दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए 13,500 बेड उपलब्ध हैं इनमें से केवल 6000 बेड अभी तक भरे हैं 7500 बेड अभी भी खाली हैं।


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