जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि
कोविड और आर्थिक मंदी के दौर में उद्योगों की स्थापना के लिए वैश्विक स्तर
पर सबसे अनुकूल माहौल, आसान नियम और अधिक सहूलियतें राजस्थान सरकार द्वारा
उपलब्ध कराई जा रही है। यह आकलन आर्थिक क्षेत्र की दुनिया की जानी मानी
मैगजीन अमेरिका के न्यूयाक्र की सीईओ वल्र्ड की रिपोर्ट का है। उन्होंने
बताया कि वैश्विक मंदी और कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों के मध्ये नजर
दुनिया के 80 देशों के अध्ययन के बाद भारत सहित पांच देशों को औद्योगिक
निवेशोन्मुखी माना और इसमें भी भारत में राजस्थान को औद्योगिक निवेश के लिए
सबसे अनुकूल प्रदेश माना है।
उद्योग मंत्री
मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन का ही परिणाम
है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में औद्याोगिक निवेश को तेजी से बढ़ावा देने
के लिए नीतिगत निर्णय लिए और प्रक्रियाओं को आसान बनाया। उन्होंने बताया
कि निरंतर संवाद, समन्वय के कारण औद्योगिक निवेश की समस्याओं को ना केवल
समझा गया बल्कि राज्य सरकार द्वारा की गई नीतियों में उनका समावेश किया गया
जिससे प्रदेश में निवेश और अधिक आसान हो गया है। उन्होेंने कहा कि हमारी
नीतियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है।
अतिरिक्त
मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में औद्योगिक निवेश के
प्रति सरकार की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा
हाल ही में बनाई गई टास्क फोर्स की अंतरिम रिपोर्ट में एमएसएमई के साथ ही
बड़े उद्योगों की स्थापना को भी आसान बनाने, तय समय तक अनुमतियों निरीक्षणों
से मुक्त करते हुए उद्योग की स्थापना कर उत्पादन करने, राजस्थान निवेश
प्रोत्साहन योजना के दायरें को बढ़ाने, बिजली दरों को युक्ति संगत बनाने
जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
डॉ. अग्रवाल
ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में देशी-विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के
लिए गंभीर है और इसके लिए मुख्यसचिव स्तर पर भी विदेशी निवेशकों से निरंतर
संवाद कायम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उद्योग मंत्री
श्री मीणा ने भी प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए
वेबिनार के माध्यम से संबोधित करते हुए आग्रह किया है।
उद्योग
आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि सीईओ वल्र्ड ने राज्य सरकार
की दिसंबर, 19 में जारी राजस्थान औद्योगिक विकास नीति, राजस्थान निवेश
प्रोत्साहन योजना व इससे पहले एमएसएमई एक्ट में संशोधन कर उद्योगों की
स्थापना को आसान बनाने की नीति को निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण और
अग्रगामी माना है। उन्होेंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन व
उसके बाद ओपनिंग-1 में राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के साथ समन्वय व सहयोग
का माहौल बनाया जिससे प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां आसानी से आरंभ होने
लगी।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे