प्रयागराज, |
हिंदू संतों व साधुओं के शीर्ष संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के
अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि सीमाओं पर चीनी आक्रामकता का
मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लाखों की तादात में नागा संन्यासी भारतीय
सशस्त्र बलों में शामिल होने से बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाएंगे।
हमले की निंदा करते हुए गिरि ने कहा कि भारतीय सेना दुश्मन को करारा जवाब
देने में सक्षम हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो लाखों नागा साधु भी अपनी
मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी सेना में शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, नागा साधु भी शास्त्र और शस्त्र में समान रूप से प्रशिक्षित होते हैं।
गिरि
ने कहा कि नागा साधुओं को मार्शल आर्ट में भी प्रशिक्षित किया जाता है और
वे अपने साथ त्रिशूल, तलवार, बेंत और भाले भी रखते हैं।
उन्होंने
बताया, "एक बार मुगल शासकों से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए वे प्रशिक्षित
सशस्त्र बल के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं और इसके साथ ही कई सैन्य
अभियानों में शामिल रह चुके हैं। हालांकि आजादी के बाद सशस्त्र गतिविधियों
में नागाओं के शामिल रहने की वैसी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी, इसलिए उन्होंने
धर्म की ओर रुख किया।"
--आईएएनएस
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