सोशल मीडिया सबसे जहरीली जगह : कृति सैनन

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 18 जून 2020, 2:55 PM (IST)

मुंबई। अभिनेत्री कृति सैनन ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स सहित लोगों द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर प्रतिक्रिया को लेकर अपने विचार लिखे हैं। उन्होंने लिखा, "यह अजीब है कि हमेशा ट्रोलिंग, गपशप करने वाली दुनिया अचानक एक बार आपके जाने के बाद आपकी सुंदरता और सकारात्मक पक्षों को बताने लगती है।"

कृति ने आगे लिखा, "सोशल मीडिया सबसे ज्यादा झूठा, सबसे विषैला स्थान है और अगर आपने आरआईपी पोस्ट नहीं किया है या सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है, तो आपको शोकाकुल नहीं माना जाता है, जबकि वास्तव में, वे लोग शोक मना रहे होते हैं। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया नई 'वास्तविक दुनिया' है . और असली दुनिया नकली हो गई है।"

गौरतलब है कि कृति अपने परिवार के साथ 15 जून को दिवंगत अभिनेता के अंतिम संस्कार में उद्योग सहयोगियों के बीच मौजूद थीं।

अपने पोस्ट में कृति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे मीडियाकर्मियों ने एक स्पष्ट तस्वीर पाने के लिए उनकी कार की खिड़की को पीटा, जब वह सुशांत के अंतिम संस्कार के लिए जा रही थीं।

उन्होंने लिखा, "कार की खिड़की को पीटते हुए कहना, 'मैडम शीशा नीचे करो ना', ताकि अंतिम संस्कार के लिए जा रहे किसी व्यक्ति की स्पष्ट तस्वीर मिल सके। अंतिम संस्कार एक बहुत ही निजी मामला है। आइए मानवता को पेशे से पहले रखें!"

कृति ने आगे लिखा, "मैं मीडिया से अनुरोध करती हूं कि या तो वहां उपस्थित न हों या कम से कम कुछ गरिमा और दूरी बनाए रखें, तारों की चमक और तथाकथित ग्लैमर के पीछे हम भी सामान्य मनुष्य हैं, वही भावना हमारे अंदर है, जो आपके पास है। यह मत भूलो।"

उन्होंने आगे लिखा, "दोष का खेल कभी खत्म नहीं होता .. किसी के भी बारे में बुरी बात करना बंद करें .. गपशप बंद करें .. यह सोचना बंद करें कि आप सब जानते हैं, या आपकी राय सच है। हर कोई एक ऐसी लड़ाई से जूझ रहा है जिसके बारे में आप कुछ नहीं जानते हैं। तो जान लें कि आपके मुंह से निकलने वाली कोई भी नकारात्मकता, किसी भी तरह की ट्रोलिंग, किसी की चुगली यह दिखाती है कि आप क्या हैं, न कि वे क्या हैं। और जबकि हम में से अधिकांश इसे अनदेखा करने या इसे फिल्टर करने या एक गंदे कमेंट से परेशान नहीं होने की कोशिश करते हैं यह अभी भी कहीं न कहीं हमें प्रभावित करता है, दूसरों की तुलना में कुछ अधिक।" (आईएएनएस)

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