चंडीगढ़ । कोविड
-19 के लम्बे समय के प्रभावों पर गंभीर अशंका व्यक्त करते हुए पंजाब के
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को सभी विभागों को निर्देश दिए
कि वह अपने खर्चों को तर्कसंगत करें, जिससे इस महामारी के खि़लाफ़ जंग में
किसी भी कीमत पर फंडों की कमी न आए। वित्तीय
प्रबंधन संबंधी कैबिनेट की उच्चधिकार समिति की वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के
द्वारा मीटिंग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व भर के अध्ययन और
रिपोर्टों को देखते हुए कोविड संबंधी जो गंभीर तस्वीर सामने आ रही है,
उसमें अनुमान अच्छे नहीं हैं। मुख्यमंत्री
ने यह स्पष्ट किया कि राज्य को पेश आर्थिक संकट के बावजूद स्वास्थ्य
शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे ज़रूरी क्षेत्रों के पूँजीगत व्यय के 5000
करोड़ रुपए बरकरार रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड और लॉकडाउन के
कारण साल 2020-21 के कुल राजस्व प्राप्तियों में 30 प्रतिशत की गिरावट का
अनुमान है। अनिर्धारित
संकट के चलते राज्य की आर्थिक स्थिति का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने
कहा कि उनकी सरकार निरंतर यह यकीनी बना रही है कि मुलाजि़मों और पैंशनरों
को वेतन और पैंशनें समय पर मिलें और साथ ही पी.एस.पी.सी.एल. को बिजली
सब्सिडी समय पर दी जाए। उन्होंने कहा कि इस आपदा के खि़लाफ़ जंग में 24
घंटे डटे स्वास्थ्य, पुलिस और स्थानीय निकाय विभागों के फ्रंटलाईन वर्करों
को फंड जारी करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री
ने कहा कि वित्तीय संकट के बावजूद स्थानीय शहरी इकाईयाँ और पंचायतों को
सभी ग्रांटों का सफलतापूर्वक भुगतान किया गया है, जिससे यह यकीनी बनाया जा
सके कि उनको वेतन देने में कोई दिक्कत न आए। उन्होंने
आगे कहा कि मैडीकल बिलों, पेट्रोल और डीज़ल बिलों और अन्य सभी दफ़्तरी
खर्चों का अब तक भुगतान हो चुका है और साथ ही नए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन
व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। राज्य
को गंभीर आर्थिक संकट में से निकालने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने
तेज़ी से औद्योगिक पुनद्र्धार पर ज़ोर देते हुए राजपुरा, बठिंडा,
मत्तेवाड़ा (लुधियाना) और वज़ीराबाद (फतेहगढ़ साहिब) में औद्योगिक पार्कों
के विकास पर और ज्यादा ज़ोर देने की माँग की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक
निवेशकों को आकर्षित करने की तरफ ध्यान देना चाहिए, ख़ासकर वह उद्योग और
व्यापार जो महामारी के कारण चीन से बाहर जा रहे हैं। वित्त
विभाग के अनुमानों के अनुसार साल 2019-20 की 5,74,760 करोड़ रुपए की
जी.एस.डी.पी. (संशोधित अनुमान) की अपेक्षा इस साल की जी.एस.डी.पी. में
नाममात्र वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। पिछली कुल राजस्व प्राप्तियाँ /
जी.एस.डी.पी. वृद्धि के औसत रूझानों के अनुसार पंजाब को मौजूदा वित्तीय
वर्ष 2020-21 में कुल 62,246 करोड़ रुपए के राज्सव प्राप्ति की उम्मीद थी,
परन्तु अब इसमें 25,758 करोड़ रुपए के करीब गिरावट आ रही है, जो कि कुल
राजस्व प्राप्ति का 29.26 प्रतिशत बनता है। इस
घाटे और खर्च को चलाने के लिए राज्य द्वारा कजऱ् लेने की ज़रूरत के
बावजूद, कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा फिर दोहराया गया कि किसानों के लिए
बिजली सब्सिडी जारी रहेगी और यह सवाल ही पैदा नहीं होता कि राज्य सरकार तय
हद से अतिरिक्त कजऱ् लेने के लिए इसकी जगह केंद्र सरकार द्वारा अनुमत सीधा
नकद हस्तांतरण (डायरेक्ट कैश ट्रांसफर) को इसके विकल्प के तौर पर अपनाए।
उन्होंने कहा कि यह सुधार देश के संघीय ढांचे की उल्लंघना है। उन्होंने साथ
ही कहा कि वह इस मसले सम्बन्धी प्रधानमंत्री को लिखेंगे क्योंकि केंद्र
सरकार राज्यों पर कजऱ् लेने के लिए ऐसी शर्तें नहीं लगा सकती। यह
कहते हुए कि इसके साथ और हाल ही में कृषि सुधारों संबंधी जारी अध्यादेश से
न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था के ख़ात्मे की शुरुआत होगी, कैप्टन
अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह केंद्र को इस संबंधी पंजाब के विरोध को ज़ोरदार
ढग़ से अवगत करवाएंगे।
इससे
पहले मीटिंग के दौरान राज्य की कमज़ोर हो रही वित्तीय स्थिति का जायज़ा
लिया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही वसूली में बड़ी कमी नजऱ आ
रही है। अप्रैल 2020 के दौरान बजट अनुमानों के उलट कुल आमदन वसूली में 12
फीसदी की कमी आई है, जो मई में बढक़र 37 फीसदी तक पहुँच गई और यह इन दो
महीनों के बजट अनुमानों का कुल 25 फीसदी बनता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के
लिए कुल ख़र्च बजट 1,08,644 करोड़ था, जिसमें 95,716 करोड़ का आमदन ख़र्च
और 12,928 करोड़ की मूल भूगतान शामिल था।
लॉकडाउन
के दौरान राज्य की अपनी वसूली अप्रैल 2020 में सिफऱ् 396 करोड़ तक नीचे
आई और इस महीने की कुल वसूली 6,796 करोड़ तक पहुँची और मई में यह 3891
करोड़ रही (राज्य की अपनी वसूली 1252 करोड़)। वास्तव में कुल वसूली (समेत
4200 करोड़ के बाज़ारी कजऱ्े के) अप्रैल से 5 जून 2020 तक मात्र 15,882
करोड़ रही। देश के
अंदर कोविड की बिगड़ती हुई स्थिति और राज्य की आमदन में लगातार गिरावट का
हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि स्थिति में नज़दीकी भविष्य के
दौरान सुधार होने की संभावना नहीं।
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