विश्व में एक लाख प्रति जनसंख्या पर 4.1 मृत्यु जबकि भारत में एक लाख प्रति जनसंख्या पर 0.2 मृत्यु

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 19 मई 2020, 7:51 PM (IST)

-नीति गोपेन्द्र भट्ट-
नई दिल्ली । देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के कुल 2,350 रोगी स्वस्थ हुए। इस तरह अब तक कुल 39174 रोगी स्वस्थ होकर अपने घरों में चले गए हैं। इसका अर्थ है कि कोविड-19 के रोगियों में स्वस्थ होने की दर 38.73 प्रतिशत हो गई है। स्वस्थ होने की दर लगातार सुधर रही है।
भारत में इस समय 58,802 सक्रिय मामले हैं। ये सभी सक्रिय चिकित्सा निरीक्षण में हैं। इन सक्रिय मामलों में से केवल लगभग 2.9 प्रतिशत का आईसीयू में उपचार चल रहा है।

प्रति लाख की जनसंख्या पर मृत्यु के मामलों की दृष्टि से भारत में मृत्यु संख्या 0.2 बनती है। समूचे विश्व में प्रति लाख की जनसंख्या पर 4.1 मृत्यु रिकार्ड हो रही है।


देश में 18 मई 2020 को रिकार्ड 1,08,233 नमूनों की जांच की गई। अब तक कुल 24,25,742 नमूनों की जांच कर ली गई है।

इस वर्ष जनवरी में कोविड 19 की जांच के लिए केवल एक प्रयोगशाला थी, भारत ने 385 से अधिक सरकारी प्रयोगशालाओं और 158 निजी प्रयोगशालाओं को जोड़कर देश में जांच की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। सभी केंद्र सरकार की प्रयोगशालाओं, राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेज, निजी मेडिकल कॉलेज और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करते हुए देश में जांच क्षमता का विस्तार किया गया है। जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रू एनएटी और सीबीएनएएटी की अन्य जांच मशीनों को भी शामिल किया गया है।

एम्स जैसे 14 महत्वपूर्ण संस्थानों के माध्यम से देश भर में प्रयोगशालाओं के योगदान से पर्याप्त जैव-सुरक्षा मानक और प्रयोगशालाओं का प्रत्यायन सुनिश्चित किया गया है। प्रयोगशालाओं में जांच सामग्री की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए इंडिया पोस्ट तथा वितरण की निजी एजेंसियों में 15 डिपो बनाए गए हैं। जांच सामग्री तैयार करने के लिए कई भारतीय कंपिनयों को सहयोग प्रदान किया गया है। ऐसी जांच सामग्री इससे पहले विदेशों से प्राप्त की जाती थी। इससे देश भर में निरंतर आपूर्ति बनाए रखने में मदद मिली है।




केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 की जांच के लिए संशोधित दिशा निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान मानदंड के अलावा कोविड-19 के नियंत्रण में लगे अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों, अस्पताल में इन्फलुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) जैसे लक्षण होने वाले मरीजों और 7 दिन की बीमारी के भीतर लक्षण वाले आईएलआई के फिर आए मरीजों और प्रवासियों समेत जांच की नीति का विस्तार किया गया है।

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