कोरोना फैलाव रोकने की जंग में नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान - डॉ हर्षवर्धन

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 12 मई 2020, 5:25 PM (IST)

-नीति गोपेंद्र भट्ट-
नई दिल्ली
। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा हाँ कि नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बिना हम कोविड-19 के फैलाव के खिलाफ जंग जीत नहीं पाएंगे। साथ ही हम टिकाऊ विकास लक्ष्य तथा सबके लिए स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाएंगे’’।

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। इस बार का अंतर्राष्ट्रीय दिवस फ्लोरंस नाइटिंगल की 200वीं जन्म जयंती पर मनाया जा रहा है।
इस मौके पर डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल को नर्स और मिड वाइफ का वर्ष घोषित किया है। समारोह में ऑनलाइन पर कई लाख नर्सों ने इस आयोजन में भाग लिया।
पेशेवर नर्सों के कार्य और निस्वार्थ, निष्ठा की प्रशंसा करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने उन्हें स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा ‘’आपके कार्य की निष्ठ और प्रभाव को पर्याप्त रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता क्योंकि आपकी प्रतिबद्धता इससे भी बढ़कर है रोगियों को अपनी पहली प्राथमिकता मानते हुए करूणा, समर्पण और रोगी को स्वस्थ्य होने का आभास कराने के आपके प्रयासों के लिए में हृदय से धन्यवाद करका हूं। उन्होंने कहा कि नर्सें दिन भर की व्यस्तता और थकान की भी परवाह नहीं करती और काम में जुटी रहती हैं। डॉ हर्ष वर्धन ने कहा ‘’कि वर्तमान महामारी के दौरान आपके शानदार और निरंतर योगदान के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बिना हम कोविड-19 के फैलाव के खिलाफ जंग जीत नहीं पाएंगे और हम टिकाऊ विकास लक्ष्य तथा सबके लिए स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे’’।
डॉ हर्ष वर्धन ने नर्सों की शक्ति और सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण के दिनों में इस भावना से चुनौती पूरी करने में सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा ‘’मैं आज पूणे की स्टाफ नर्स श्रीमती ज्योति विट्ठल रक्षा, पूणे की सहायक मैटर्न श्रीमती अनीता गोविंद राव राठौर, ईएसआई अस्पताल झिलमिल दिल्ली की नर्सिंग ऑफीसर सुश्री माग्रेट जैसी बहादुर नर्सिंग पेशेवरों को याद कर रहा हूं जो हाल ही में हमें छोड़कर चली गई। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं आज यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम नर्सिंग पेशेवरों के साथ हैं और हम कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। हमारा मनोबल ऊंचा बनाए रखें और आप निर्देशों का पालन करने के लिए पर्याप्त आवश्यक बचाव और प्रशिक्षण प्राप्त लें।
डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार में उच्चतम स्तर पर वचनबद्धता से कोविड 19 के खिलाफ सरकार की कार्रवाई को नेतृत्व मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उन्हें हिंसा से बचाने के लिए एक अध्यादेश लागू किया गया है। इस अध्यादेश में ऐसी हिंसा के मामलों को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है और कोविड-19 के मुकाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने या स्वास्थ्य ढांचे की संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान है। ऐसी हिंसक घटनाओं को उकसाने पर भी तीन महीने से पांच साल तक का कारावास और 50 हजार रूपए से लेकर 2 लाख रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर चोट लगने की स्थिति में कारावास की अवधि 6 महीने से लेकर 7 वर्ष और जुर्माना 1 लाख से लेकर 5 लाख रूपए लगाया जा सकता है। इसके अलावा संपत्ति को नुकसान पहंचाने वाले को पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा देना होगा जो कि संपत्ति के नुकसान के बाजार मूल्य से दोगुना होगा। इसके अलावा सरकार ने कोविड-19 का मुकाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा योजना लागू की है जिसके अंतर्गत कोविड-19 से सीधे संपर्क वाले जोखिम झेल रहे सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों समेत 22.12 लाख स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा योजना है। इसमें कोविड-19 के सिलसिले में दुर्घटना में मृत्यु भी शामिल होगी।

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