Lockdown : सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- कोटा में फंसे श्रमिक धैर्य रखें, उन्हें घर तक पहुंचाएंगे

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 30 अप्रैल 2020, 7:39 PM (IST)

लखनऊ। राजस्थान के कोटा में फंसे कोचिंग के छात्र-छात्राओं को उनके घर तक पहुंचाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता सूची में दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूर तथा गरीब लोग हैं। उन्होंने श्रमिकों से गुरुवार को कहा कि वे धैर्य रखें, सरकार उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को लोकभवन में टीम-11 के साथ बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के उपाय के साथ ही लोगों के उपचार तथा निदान की प्रगति की समीक्षा की। योगी ने कहा कि कामगारों ने अभी तक जिस धैर्य का परिचय दिया है, उसे बनाए रखें। संबंधित राज्यों की सरकारों से संपर्क कर सभी को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

उन्होंने अपील की है कि सभी मजदूर और कामगार संबंधित राज्य सरकारों के संपर्क में रहें और घरों के लिए पैदल ना निकलें। प्रदेश सरकार ने संबंधित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के नाम, पते, टेलीफोन नंबर तथा स्वास्थ्य परीक्षण की स्थिति सहित संपूर्ण विवरण मांगा है, ताकि सुरक्षित वापसी हो सके।

उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली से करीब 4 लाख प्रवासी श्रमिक एवं कामगार, हरियाणा से 12 हजार श्रमिक, कोटा राजस्थान से साढ़े ग्यारह हजार छात्रों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी हो चुकी है। इसी प्रकार प्रयागराज में अध्ययनरत 15 हजार से अधिक प्रतियोगी छात्रों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सुरक्षित उनके घर भेजा गया है।

योगी ने कहा कि प्रदेश के बॉर्डर को पूरी तरह सील किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये। उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेंटर शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन तैयार किए जाएं, ताकि आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन किए गए लोगों की निगरानी के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएं। इन समितियों में युवक मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस और एनसीसी आदि का सहयोग लिया जाए। भोजन तैयार करने में भी महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया जाए।

उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर में एक लैब क्रियाशील की जानी चाहिए। प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर टेस्टिंग लैब स्थापित होनी चाहिए। प्रयास यह होना चाहिए कि आगामी एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश टेस्टिंग क्षमता की ²ष्टि से देश का नंबर वन राज्य बन जाए।

योगी ने कहा कि कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व के वैकल्पिक स्रोतों में वृद्धि करनी पड़ेगी। इसके दष्टिगत फ्री-होल्ड की कार्यवाही की जाए। इसके लिए एक कमेटी गठित कर इस कार्य को तेजी प्रदान की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक खाद्यान्न गोदाम में एक अधिकारी तैनात किया जाए। प्रत्येक राशन की दुकान पर भी एक अधिकारी की तैनाती की जानी चाहिए, ताकि घटतौली न होने पाए।

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